सक्ती – शहर में भव्य हिंदू सम्मेलन का आयोजन
29 दिसंबर को शक्ति जिले के नंदेली भाटा मैदान में सर्व सनातन हिंदू पंचायत द्वारा विराट हिंदू सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न स्थानों से हिंदूवादी संगठनों की प्रमुख हस्तियाँ उपस्थित हुईं, जिन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए लोगों से आह्वान किया। इस कार्यक्रम के दौरान शक्ति जिले के विभिन्न स्थानों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे।
कार्यक्रम स्थल, नंदेलीभाटा मैदान, जहां पुलिस प्रशासन सैकड़ों की संख्या में तैनात था, पूरी तरह से भगवा ध्वजों से सजा हुआ था। इसके साथ ही, कार्यक्रम में धर्म परिवर्तन कर चुके सैकड़ों परिवारों की घर वापसी भी हुई। इन परिवारों के पैर धोकर कार्यक्रम में मौजूद हिंदू नेताओं ने विधिवत उनकी वापसी कराई और पूरा परिसर “जय श्री राम” के उद्घोष से गूंज उठा।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शक्ति जिले के विभिन्न हिंदू संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी जुटे रहे। हालांकि, 28 दिसंबर की रात हुई बारिश से पूरा परिसर जलमग्न हो गया था, लेकिन आयोजक संस्था के सदस्यों ने रातों-रात उसे व्यवस्थित किया और 29 दिसंबर की सुबह से ही जिले के विभिन्न स्थानों से लोग कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पहुंचने लगे। कार्यक्रम की भव्यता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पार्किंग और विभिन्न स्थानों पर बेरीकेटिंग की थी।
कार्यक्रम के दौरान महिलाओं की भी भारी संख्या थी, और इस आयोजन को सफल बनाने में हिंदूवादी संगठनों ने जोर-शोर से प्रयास किया। यह कार्यक्रम शक्ति शहर में पहली बार आयोजित हुआ था, जिसमें धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों की हिंदू धर्म में वापसी का कार्यक्रम हुआ। लोगों का कहना था कि कई बार लोग लालच में आकर धर्म परिवर्तन कर लेते हैं, लेकिन हिंदू धर्म में उनकी वापसी का काम सतत रूप से चल रहा है।
ज्ञात हो कि नवगठित शक्ति जिले और शहर में ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण का कार्य पिछले कुछ वर्षों से जोर-शोर से किया जा रहा है। खासकर शक्ति विधानसभा और चंद्रपुर विधानसभा के कई स्थानों पर धर्मांतरण का कार्य चलता रहा है, जहां गरीब परिवारों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता है। इसके विरोध में हिंदूवादी संगठनों ने कई बार आवाज भी उठाई, लेकिन छत्तीसगढ़ प्रदेश में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
हालांकि, प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद अब धर्मांतरण रोकने और हिंदू धर्म में वापसी कराने का कार्य बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है। 29 दिसंबर को आयोजित विराट हिंदू सम्मेलन के आयोजन स्थल के पास ही कांग्रेस सरकार के दौरान मसीह समाज द्वारा चर्च बनाने का प्रस्ताव था, जिसको हिंदूवादी संगठनों ने विरोध किया था।
आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में धर्म सेना एवं सर्व सनातन हिंदू पंचायत द्वारा आयोजित हिंदू सभा में प्रमुख अतिथियों के रूप में माननीय प्रभल प्रताप सिंह जी (सांसद), कमलेश जांगिड, श्री बालक दास जी महाराज, श्री राम रूप दास जी महाराज, धर्मशाला के प्रांत अध्यक्ष सुरेंद्र बहादुर सिंह, बिलासपुर अध्यक्ष विष्णु पटेल, बिलासपुर विभाग के प्रशासनिक प्रमुख श्री विनय पांडे और हजारों की संख्या में धर्म सैनिक उपस्थित थे।
इस अवसर पर 500 से अधिक लोगों ने ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया और सर्व सनातन धर्म के प्रति अपनी आस्था प्रकट की। सभी वक्ताओं ने हिंदू समाज को एकजुट होने की अपील की और कहा कि अब वह समय आ गया है जब हिंदू राष्ट्र को पूरी तरह से मान्यता मिलनी चाहिए।
इस महान अवसर पर श्री अंजु गभेल दीदी का भी नाम लिया गया, जो इस सभा में प्रमुख रूप से उपस्थित थीं।