हाईकोर्ट ने स्कूल-कॉलेज, धार्मिक स्थलों के पास शराब दुकानों पर लिया स्वतः संज्ञान

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हाईकोर्ट ने स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थलों, खेल मैदान और अस्पताल के आस-पास संचालित शराब दुकानों पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में मामले को स्वीकार किया है। हाईकोर्ट ने राज्य शासन और जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

शासन की ओर से कहा गया कि पहले इन संस्थानों से 50 मीटर की दूरी पर शराब दुकान खोलने का नियम था, जिसे बढ़ाकर 100 मीटर किया गया है। इसके बावजूद, यदि कहीं शिकायत है तो सख्ती और कार्रवाई की जाएगी। नियमों और प्रावधानों के आधार पर शराब दुकानों और चखना दुकानों को हटाया और शिफ्ट किया जाएगा। हाइवे से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर शराब दुकान लगाने के निर्देश का भी पालन किया जा रहा है।

शासन के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी है। जिले में कुल 65 से अधिक देशी-विदेशी मदिरा दुकानों का संचालन शासन स्तर पर संचालित किया जा रहा है।

स्कूल-कॉलेज के पास संचालित दुकानों के चलते छात्र-छात्राओं और स्कूल-कॉलेज प्रबंधन को हमेशा सुरक्षा को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ा है। खासकर महिलाओं और छात्राओं को अधिक मुश्किल होती है। मारपीट, गुंडागर्दी और छेड़खानी जैसी घटनाओं की भी रिपोर्ट आई हैं। जबकि नियमानुसार, ऐसे चिन्हित स्थानों और हाइवे से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर शराब दुकान लगाने का निर्देश है। बावजूद इसके, राजस्व को ध्यान में रखते हुए न तो विभाग ने जनता की आवाज को गंभीरता से लिया, और न ही प्रशासन ने जनता की भावनाओं का सम्मान किया।

मीडिया रिपोर्ट्स और अधिकारी की अनदेखी:

शराब दुकानों के खिलाफ मीडिया में लगातार खबरें आती रही हैं। इन मीडिया रिपोर्ट्स पर अब हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इसे जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए राज्य शासन, आबकारी विभाग और कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। बिलासपुर में आबकारी विभाग के अधिकारी नियमों की अनदेखी कर स्कूल, कॉलेज और अस्पताल के नजदीक शराब बेच रहे हैं। इनकी दूरी न्यूनतम 100 और अधिकतम 300 मीटर है। इन दुकानों को लेकर स्कूल प्रबंधन और आसपास के लोग लंबे समय से दुकान हटाने की मांग कर रहे हैं।

हाईकोर्ट के इस कदम से उम्मीद है कि स्कूल, कॉलेज और अन्य संवेदनशील स्थलों के पास से शराब दुकानों को हटाने के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी और सुरक्षा की समस्या का समाधान हो सकेगा।

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