रायपुर- अब तक हुई बारिश से छत्तीसगढ़ के पांच जिलों को छोड़कर कोटा पूरा हो गया है। सात जिलों में तो समान्य ये अत्यधिक बारिश हुई है। सरगुजा, जशपुर, बेमेतरा, दुर्ग और बिलाईगढ़ जिले ऐसे हैं जहां सामान्य से 30 फीसदी कम पानी गिरा है। मध्य छत्तीसगढ़ में अभी बीते चार दिन से मानसून रूठा हुआ है। प्रदेश में दक्षिण भाग को छोड़कर अधिकांश जिलों में शनिवार से बारिश नहीं हुई है। कमजोर सिस्टम के कारण अभी बुधवार को भी बारिश होने की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग के मुताबिक गुरूवार से प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में वृद्धि होने और शुक्रवार से एक-दो स्थानों पर भारी से अतिभारी बारिश होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। प्रदेश में सबसे अधिक कुसमी में 250 मिमी दर्ज की गयी। प्रदेश में सबसे अधिक तापमान 33.4 डिग्री डोंगरगढ़ में तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.2 डिग्री नारायणपुर में दर्ज किया गया।
वर्षा के मुख्य आंकड़े (मिमी में)
कुसमी – 250, वांड्रफनगर- 150, रघुनाथ नगर, मनोरा-90, सन्ना-70, सामरी-60, चलगली, बलरामपुर, पसान-50, शंकरगढ़-40, मिलीमीटर वर्षा हुई।
बना हुआ है सिस्टम
– उत्तर गुजरात पर सुबह का गहन अवदाब पिछले 6 घंटों के दौरान 8 किमी प्रति घंटे की गति से धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। यह 29 अगस्त की सुबह तक सौराष्ट्र और कच्छ तट और पाकिस्तान और पूर्वोत्तर अरब सागर के आस-पास के क्षेत्रों तक पहुंच जाएगा।
– उत्तर-पश्चिम झारखंड और उसके आसपास के इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया। यह झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे सटे दक्षिण-पूर्व उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ना जारी रखेगा।
– समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका उत्तर गुजरात, सागर, उत्तर-पश्चिम झारखंड, दीघा और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर बंगाल की खाड़ी के पूर्वी मध्य भाग में गहरे दबाव के केंद्र से होकर गुजर रही है।