शहर में बुधवार दोपहर सनसनीखेज तरीके से कुछ लोगों ने एक युवक की हत्या कर दी। युवक अपने साथियों के साथ स्कार्पियो से घर जा रहा था, इसी दौरान पहले से मौजूद आरोपितों ने कार रूकवाई और उतरते ही गोली मार दी। बुधवार दोपहर करीब 12.50 बजे जवाहर नगर में चौराहा के पास ही गोलीबारी की घटना हुई.
जिसमें एक युवक की मौत हो गई। हत्या के तार पिछले दिनों शहर में हुए सुपारी कांड से भी जोड़े जा रहे हैं। हादसे के बाद संस्था राम-राम के सैकड़ों सदस्य जमा हो गए और जिला अस्पताल चौराहा पर शव रखकर रास्ता जाम कर दिया। करीब डेढ़ घंटे बाद पुलिस ने बमुश्किल रास्ता खुलवाया।
युवक के साथ आनंद मंसारे ने पुलिस को बताया कि वह अपने दोस्त कुणाल बैरागी के जेल में विचाराधीन बंदी भाई कपिल बैरागी से मिलने जिला जेल गया था। इनके साथ आकाश, पंकज, चेतन, कुणाल, शेखर, लाखन और शुभम संस्था राम-राम के संयोजक शैलेंद्र पंवार की स्कार्पियो से 12 बजे जेल पहुंचे। यहीं जेल में बंद एक अन्य बंदी ने फोन छीनकर इनको धमकाया कि आज तुमको मरवा देंगे। इसके बाद सभी वहां से रवाना हो गए।
कार रुकवाई, उतरते ही गोली मार दी
सभी जवाहर नगर होते हुए चीकू उर्फ कुणाल बैरागी के घर मल्हार जा रहे थे। लगभग 12.50 बजे जवाहर नगर चौराहे पर आरोपित अंबरेश प्रसाद के घर के पास अंबरेश, भावेश झाला, शिव रघुवंशी, टीम टीम बना उर्फ कृष्णपाल सिंह मौजूद थे। अंबरेश ने हाथ देकर कार रूकवाई, जिसके चलते कुणाल बात करने के लिए उतरा ही था कि आरोपित अंबरेश ने कुणाल को सीने में पिस्टल से गोली मार दी।
इसके बाद भागते हुए उसने हवाई फायर भी किया। कार में मौजूद अन्य सभी घायल कुणाल पास ही स्थित निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां करीब 20 मिनट बाद कुणाल को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। कुणाल की मौत की सूचना लगते ही सैकड़ों की संख्या में संस्था राम-राम के कार्यकर्ता निजी अस्पताल पहुंच गए और आक्रोशित होकर पुलिस को घटना के लिए जिम्मेदार बताने लगे। संस्था के शैलेंद्र सिंह पंवार भी मौके पर पहुंच गए। इस बीच बड़ी संख्या में पुलिस जवान और अधिकारी भी अस्पताल पहुंच गए। यहां पंवार और सीएसपी के बीच तीखी बहस हुई।
शैलेंद्र सिंह पंवार ने बताया, कुछ समय पूर्व इंदाैर के अपराधियों द्वारा उनकी हत्या की सुपारी लेने की जानकारी पुलिस को दी थी। एफआईआर भी दर्ज करवाई, परन्तु पुलिस ने सख्त कार्रवाई नहीं की, जिसके फलस्वरूप यह वारदात सामने आई है। पंवार ने कहा कि आरोपित मेरी हत्या करने आए थे, मैंने भी काली टी-शर्ट पहनी थी और कुणाल ने भी काली टी-शर्ट पहनी थी।
इधर निजी अस्पताल से पोस्टमार्टम के लिए शव को एम्बुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया, परन्तु कार्यकर्ताओं ने एबी रोड स्थित जिला अस्पताल चौराहा पर एम्बुलेंस से शव नीचे उतारकर सड़क जाम कर दी। यहां पुलिसकर्मियों के खड़े रहने के लिए बने एक ढांचे को सड़क पर गिरा दिया गया और दोनों और कारें खड़ी कर जाम लगा दिया। सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बाद भी आक्रोशित कार्यकर्ताओं का गुस्सा शांत नहीं हुआ और शहर के कुछ भाजपा नेताओं के नामों की एफआईआर होने तक मौके से नहीं हटने की बात कही। करीब 1 घंटे बाद एएसपी जयवीरसिंह भदौरिया जिला अस्पताल चौराहा पहुंचे और कार्यकर्ताओं को वहां से हटवाकर जाम खुलवाया।
जेल में बंद मृतक के भाई को भी जमानत मिलने की जानकारी आई है। सूचना मिलते ही मृतक के स्वजन भी अस्पताल पहुंच गए। यहां बदहवास स्वजन को संस्था कार्यकर्ताओं ने संभाला और वापस घर भेज दिया। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंप दिया गया। शाम को ही युवक का अंतिम संस्कार भी किया गया।
सूत्रों के अनुसार पूरा मामला वर्चस्व की लड़ाई का हो सकता है। मृतक कुणाल पर 15 आपराधिक प्रकरण दर्ज थे। इनमें हत्या का प्रयास और अवैध वसूली जैसे गंभीर मामले भी दर्ज हैं। दूसरी तरफ आरोपित अंबरेश के खिालफ चार मामले दर्ज हैं। इनमें अवैध वसूली, हत्या का प्रयास और मारपीट के मामले सामने आ रहे हैं।