छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान हुए बिरनपुर हिंसा और CGPSC घोटाले की जांच के बाद अब महादेव ऑनलाइन सट्टा एप मामले की जांच भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपे जाने की तैयारी है। राज्य के उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस बात के संकेत दिए हैं कि महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच CBI को सौंपने की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में इस घोटाले से जुड़े सभी 70 प्रकरण CBI को सौंपे जाएंगे, जिससे 15 हजार करोड़ रुपये के इस घोटाले में शामिल लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस मामले में प्रदेश के कई बड़े नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं, जिन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी), 420, IPC और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1998 के तहत आरोप दर्ज हैं।
जानिए क्या है महादेव सट्टा एप मामला
महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच सबसे पहले अक्टूबर 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुरू की थी। शुरुआत में दुर्ग, रायपुर, और बिलासपुर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, जिनके आधार पर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। अगस्त 2023 में ED ने पहली गिरफ्तारी की, और इसके बाद यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जोड़ दिया गया। अक्टूबर 2023 में ED ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी सहयोगियों से पूछताछ भी की, जिनमें उनके राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, OSD मनीष बंछोर और आशीष वर्मा शामिल थे।
महादेव सट्टा एप के प्रमोटरों पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। नवंबर 2023 में ED ने अपनी चार्जशीट में बघेल का नाम भी शामिल किया था। विधानसभा चुनाव से पहले इस मामले को लेकर भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा था। वर्तमान में साय सरकार के अधीन EOW इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब इसे CBI को सौंपने की तैयारी है।
सट्टेबाजी का अवैध केंद्र: महादेव सट्टा एप
बता दें कि महादेव ऑनलाइन सट्टा एप एक अवैध प्लेटफार्म है, जो सट्टेबाजों को लाइव गेम्स और वर्चुअल खेलों पर दांव लगाने की सुविधा प्रदान करता है। इस एप के जरिए लोग पोकर, तीन पत्ती, ड्रैगन टाइगर जैसे कार्ड गेम्स के साथ-साथ क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस और फुटबॉल जैसे खेलों में भी सट्टा लगाते हैं। एप में वर्चुअल क्रिकेट और अन्य एप्स का उपयोग कर सट्टेबाजी की जाती है, जिससे यह अवैध गतिविधियों का केंद्र बन गया है। अब तक राजधानी रायपुर से जनवरी 2024 से लेकर अब तक 80 सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि पूरे प्रदेश में यह संख्या करीब 600 है।
महादेव ऑनलाइन सट्टा एप के दो प्रमुख डायरेक्टर, रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर, अभी भी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इस मामले को CBI को सौंपने का निर्णय लिया है, जिससे जांच को और अधिक सख्ती से आगे बढ़ाया जा सके।