नई दिल्ली- चुनाव आयोग द्वारा 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने उम्मीदवारों का चयन करने और रणनीति तैयार करने के लिए मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में बैठक की। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष सीईसी सदस्यों में से थे, जिन्होंने उम्मीदवारों की संभावित सूची पर विचार-विमर्श किया।
झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, सह-प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और संजय सेठ के अलावा पार्टी की झारखंड इकाई के प्रमुख बाबूलाल मरांडी और पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी मौजूद थे।
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भाजपा राज्य में अपनी पूरी ताकत लगा रही है। झारखंड में दो चरणों में 13 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान होगा। वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। भाजपा राज्य में अपने सहयोगियों को भी साधने की कोशिश में है।
भगवा पार्टी ने एनडीए के अन्य सहयोगियों के लिए केवल 12 सीटें छोड़ने की योजना बनाई है। इसमें नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू 4, एजेएसयूपी और चिराग पासवान की पार्टी शामिल है। दावा किया जा राह है कि भाजपा ने 55 सीटों के लिए लगभग अपने उम्मीदवार तय कर लिए है।
वहीं, सहयोगियों से भी बातचीत जारी है। नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू 4 सीटों के लिए दबाव बना रही है, जबकि बीजेपी पार्टी के लिए 2 सीटें छोड़ना चाहती है। दो सीटों पर असहमति है, जिसे दोनों पार्टियां जल्द ही सुलझा लेने की संभावना है। एजेएसयूपी 16 सीटों की मांग की है जबकि भगवा पार्टी 10-11 सीटें छोड़ने को तैयार है।
एजेएसयूपी की कई सीटों पर मौजूदगी है और भगवा पार्टी अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी झामुमो का मुकाबला करने के लिए इस संगठन का इस्तेमाल कर सकती है। चिराग पासवान के खाते में एक सीट जा सकती है। संभव है कि उनके उम्मीवार भाजपा के ही निशान पर चुनाव लड़ सकते हैं।