राष्ट्रपति ने किया महतारी वंदन योजना की 9वीं किस्त की राशि का अंतरण

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नारायणपुर- महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सुधार के लिए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की महत्त्वपूर्ण योजना, महतारी वंदन योजना ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा प्रारंभ की गई इस योजना का उद्देश्य महिलाओं के जीवनस्तर को सुधारना, समाज में उनके प्रति व्याप्त असमानता को कम करना और आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में उन्हें मजबूत बनाना है।

इस योजना के अंतर्गत पात्र विवाहित, विधवा और परित्यक्ता महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जा रही है, जिससे उन्हें अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में मदद मिल रही है। दीपावली से पहले देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने योजना की 9वीं किस्त की राशि प्रदेश की महिलाओं के बैंक खातों में अंतरित की। इस किस्त के तहत 70 लाख से अधिक महिलाओं को वित्तीय सहायता का लाभ मिला है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूती मिली है।

जिले की 27 हजार महिलाओं को मिला आर्थिक सहयोग :

योजना के तहत् आज नारायणपुर जिले की 27 हजार से अधिक महिलाओं के बैंक खातों में 2 करोड़ 78 लाख रुपये से अधिक की राशि अंतरित की गई। महावीर चौक आंगनबाड़ी केंद्र की लाभार्थी महिलाएं सुनिता वड्डे, हेमा शर्मा, लिलेश्वरी देवांगन, रोशनी निषाद, मंजू देवांगन, और शर्मीला देवांगन ने दीपावली से पूर्व मिलने वाली इस किस्त के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति अपना आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस सहायता राशि से वे दीपावली को और भी उत्साह और खुशी के साथ मना सकेंगी। महिलाओं ने बताया कि इस राशि का उपयोग वे घर के खर्चों, दैनिक जरूरतों और उत्सव की तैयारियों में कर सकेंगी।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम : 

महतारी वंदन योजना के अंतर्गत पूरे छत्तीसगढ़ में महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके तहत प्रदेश की 70 लाख से अधिक महिलाएं लाभांवित हो रही हैं। नारायणपुर जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति की 3,687 महिलाएं भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर रही हैं। यह योजना आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रही महिलाओं को नई दिशा प्रदान कर रही है और उनके जीवन स्तर को सुधारने में सहायक बन रही है।

इस योजना ने महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए हैं। प्रत्येक माह मिलने वाली 1,000 रुपये की राशि से महिलाएं अपने घर के खर्चों के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, दैनिक जरूरतों, और व्यक्तिगत खर्चों का प्रबंधन कर पा रही हैं। इस वित्तीय सहायता ने महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने के सपने को साकार किया है, जिससे समाज में उनके प्रति सम्मान और आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।

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