सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि: लौह पुरुष को याद करते हुए

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सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि: लौह पुरुष को याद करते हुए

आज, 15 दिसंबर, को भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री रहे सरदार पटेल का योगदान न केवल भारत की स्वतंत्रता संग्राम में अमूल्य है, बल्कि स्वतंत्रता के बाद देश को एकजुट करने में उनका कार्य अतुलनीय है।

भारत की एकता के शिल्पकार

सरदार पटेल ने 562 देशी रियासतों का भारत में विलय करके देश की एकता को सुनिश्चित किया। उनके कुशल नेतृत्व और दृढ़ निश्चय ने उन्हें “लौह पुरुष” का खिताब दिलाया। उनकी यह उपलब्धि भारत के इतिहास में मील का पत्थर मानी जाती है।

जीवन और योगदान

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। प्रारंभिक जीवन में साधारण किसान परिवार में जन्मे पटेल ने अपनी मेहनत और लगन से बैरिस्टर की पढ़ाई पूरी की। स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी के साथ खड़े होकर उन्होंने सत्याग्रह, खेडा आंदोलन और बारडोली सत्याग्रह जैसे आंदोलनों का सफल नेतृत्व किया।

राष्ट्र को समर्पित जीवन

सरदार पटेल का मानना था कि एक मजबूत और एकीकृत भारत ही विश्व में अपनी पहचान बना सकता है। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) जैसी संस्थाओं की नींव रखकर देश के प्रशासन को एक मजबूत ढांचा प्रदान किया।

उनकी विरासत

2018 में, उनके सम्मान में गुजरात के केवड़िया में “स्टैच्यू ऑफ यूनिटी” का उद्घाटन किया गया। यह प्रतिमा विश्व की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है और सरदार पटेल के जीवन और उनके कार्यों की महानता का प्रतीक है।

आज, उनकी पुण्यतिथि पर, हमें उनके आदर्शों को अपनाने और भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लेना चाहिए। सरदार पटेल के विचार और उनके कार्य आज भी हमें प्रेरित करते हैं।

“देश की एकता और अखंडता को बनाए रखना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”

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