स्वदेशी दिवस: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरणा का प्रतीक

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स्वदेशी दिवस: आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रेरणा का प्रतीक

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आज, 12 दिसंबर 2024, को स्वदेशी दिवस के रूप में देशभर में मनाया जा रहा है। यह दिन भारत के स्वदेशी आंदोलन और आत्मनिर्भरता के विचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मनाया जाता है। स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत 7 अगस्त 1905 को हुई थी, लेकिन इसे याद करते हुए देश के नागरिकों को अपने उत्पादों और सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने का संदेश दिया जा रहा है।

इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कई संगठनों ने रैलियों, संगोष्ठियों और प्रदर्शनी का आयोजन किया है, जिसमें स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही, राजीव दीक्षित की पुण्यतिथि के अवसर पर उनके योगदान को भी याद किया जा रहा है।

राजीव दीक्षित भारतीय संस्कृति और स्वदेशी विचारधारा के प्रबल समर्थक थे। उन्होंने खादी, देसी गायों के संरक्षण और आयुर्वेदिक चिकित्सा के प्रचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके विचार आज भी युवाओं को आत्मनिर्भरता और स्वदेशी अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

सरकार और स्थानीय संगठनों ने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने और भारतीय कुटीर उद्योगों को समर्थन देने का आग्रह किया है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य देश के आर्थिक और सामाजिक विकास में स्वदेशी की भूमिका को समझना और उसे अपनाना है।

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