- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के निर्माण कार्यों में आई गति
कोरबा जिले में प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के तहत विभिन्न ग्राम पंचायतों में स्वीकृत 7470 ग्रामीण हितग्राहियों के प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य मात्र 05 माह में पूर्ण कराया गया। विगत महीनों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के निर्माण कार्य को पूर्ण करने में गति आई है। बारिश के पहले अब यह 7470 ग्रामीण हितग्राही पक्की छत के आशियाने में अपनी जिंदगी अच्छे से बसर करेंगे।
जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत वर्ष 2016 से 2023 तक 64 हजार आवासों की स्वीकृति दी गई है। जिसमें से अब तक 59 हजार आवासों को पूर्ण करा लिया गया है। फरवरी 2024 से जून 2024 तक मात्र 05 महीनों में 7470 आवासों को पूर्ण कराया गया है। जनपद पंचायत कोरबा में 2094, पोड़ी-उपरोड़ा में 1670, पाली 1662, करतला 1452 और जनपद पंचायत कटघोरा 592 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है।
कार्यालय जिला पंचायत द्वारा ग्रामीणों के प्रधानमंत्री आवासों का निर्माण बरसात के पहले पूर्ण करने के लिए विशेष प्रयास किए गए। जनपद पंचायतों में क्लस्टर बनाते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए। जिला पंचायत कार्यालय द्वारा आवासों के निर्माण कार्यों की लगातार समीक्षा तथा मॉनिटरिंग की जाती थी। जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी तथा मैदानी अमले के द्वारा लगातार फील्ड भ्रमण किया गया तथा ग्रामीण हितग्राहियों को आवास निर्माण पूर्ण करने के लिए प्रेरित किया गया। जिला अधिकारियों के मार्गदर्शन में ग्राम पंचायत के अधिकारी-कर्मचारी तथा मैदानी अमले की कड़ी मेहनत का परिणाम जिले में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के आवासों की पूर्णता के रूप में परिलक्षित हो रहा है।
ग्राम पंचायत चिर्रा में पिछले पांच महीने में सर्वाधिक 101 आवास, ग्राम पंचायत बोतली में 94 तथा जोगीपाली में 86 ग्रामीणों के प्रधानमंत्री ग्रामीण आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण किया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से ग्रामीणों के जीवन में न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी सकारात्मक परिवर्तन आए हैं।
यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए एक वरदान की तरह साबित हुई है। जिससे ग्रामीण हितग्राहियों के जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा का अनुभव हो रहा है।
यह योजना नए आवास के निर्माण से हितग्राही के बुनियादी सुविधाओं, जीवन स्तर, आर्थिक स्थिति, बच्चों की शिक्षा व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को पक्के आवास हेतु 1.20 लाख रूपए एवं महात्मा गांधी नरेगा से 90 दिवस का मजदूरी प्रदाय किया जाता है।