थाना पटवाई क्षेत्र में एक गांव में पादरी द्वारा प्रार्थना कराए जाने और वहां बड़ी संख्या में लोगों के इक_ा होने पर हंगामा हो गया। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता पहुंच गए और मतांतरण का आरोप लगाया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस को देख प्रार्थना करा रहे पादरी फरार हो गए। पुलिस मकान मालिक और उसके दो पुत्रों को पकडक़र थाने ले आई।
हालांकि, बाद में दोनों पक्षों में समझौता होने पर उन्हें छोड़ दिया। घटना सूरजपुर गांव की है। यहां रहने वाले एक व्यक्ति के घर पर गुरुवार सुबह करीब 100 लोग इक_ा हुए थे। इनमें कई दूसरे शहरों से भी आए थे। किसी ने बजरंग दल और विश्व हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं को मतांतरण की सूचना दे दी। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता वहां पहुंच गए।
वहां ईसाई मिशनरी के कुछ लोग बुलाकर प्रार्थना कराई जा रही थी। सूचना पर पटवाई थाना पुलिस भी आ गई। पुलिस मकान मालिक और उसके दो बेटों को पकडक़र थाने ले आई।हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी पहुंच गए। वहां काफी देर तक हंगामा चलता रहा। पुलिस को पूछताछ करने पर व्यक्ति ने बताया कि उनके बेटे की तबीयत ठीक नहीं रहती थी, जिसका इलाज कई सालों से चल रहा था।
दवा से आराम नहीं मिल रहा था। तब किसी के बताने पर वह ईसाई समाज से जुड़ गया और परमपिता परमेश्वर की प्रार्थना करने लगा। इससे उसका बेटा आज ठीक हो गया है। गुरुवार को उसने अपने मिलने वाले अन्य गांव के लोग, रिश्तेदारों आदि को घर बुलाया था। यहां पादरी से परमपिता परमेश्वर का भजन-कीर्तन करा रहे थे।
इस दौरान बजरंग दल के कार्यकर्ता आ गए और हम पर मतांतरण का आरोप लगाने लगे। उधर, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का कहना था कि ईश्वर का नाम लेना है तो घर में रामचरित मानस का पाठ कराएं। थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मनचंद ने बताया कि सूचना मिली थी कि सूरजपुर गांव का झंडू सिंह अपने घर पर ईसाई मिशनरी के लोगों को बुलाकर भजन करा रहा था।
उसे थाने लाकर पूछताछ की। उसने बताया कि अपने बेटे के लिए उसने ऐसा किया। उसने ईसाई धर्म नहीं अपनाया है। उसका कहना है कि वह शुक्रवार से घर पर रामचरितमानस का पाठ कराएगा। दोनों पक्षों में अब किसी तरह का विवाद नहीं है। उधर, हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने थाने में ही आपस में 2100 रुपये इक_े कर झंडू सिंह को रामचरितमानस का पाठ कराने के लिए दिए।