हज पर मक्का गए 98 भारतीयों की अब तक मौत हो गई है. इस साल अब तक एक लाख 75 हजार भारतीय यहां आ चुके हैं. सभी मौतें प्राकृतिक कारणों से हुईं. इनमें बेंगलुरु के दो हज यात्री भी शामिल हैं. इनकी पहचान कौसर रुखसाना (69) और अब्दुल अंसारी (54) के रूप में हुई है.
रेगिस्तानी देश में भीषण गर्मी पड़ने के कारण अन्य कई नागरिकों की तरह बेंगलुरु के दो हाजियों के शरीर में पानी की कमी और लू लगने से मौत हो गई. कर्नाटक राज्य हज समिति के कार्यकारी अधिकारी एस सरफराज खान ने बताया कि मक्का के बाहरी इलाके में स्थित मीना घाटी में रमी अल-जमारात (शैतान को पत्थर मारने) की रस्म में शामिल होने के दौरान यह घटना हुई. अक्सर इस रस्म के दौरान भगदड़ मचने के कारण भी लोगों की मौत हो जाती है. हालांकि, सऊदी अरब ने इसे लेकर अब काफी इंतजाम भी किए हैं.
जानकारी के अनुसार सबसे अधिक मिस्र के हज यात्रियों की मौत मक्का में हुई है. मिस्र, जॉर्डन और इंडोनेशिया दुनिया के लोगों को इतनी अधिक गर्मी वाले जगहों पर रहने के हालत में नहीं है.
जॉर्डन घाटी में गर्मियों में अधिकतम पारा 38-39 डिग्री सेल्सियस तक ही जाता है. ऐसे में अचानक 50 डिग्री के तापमान के कारण उनकी मौतें हो गयी. अरब राजनयिकों ने बताया कि मरने वालों में 323 मिस्रवासी और 60 जॉर्डनवासी शामिल हैं, साथ ही ये भी साफ किया गया कि मिस्त्र के सभी लोगों की मौत का कारण गर्मी ही रही. इंडोनेशिया, ईरान, सेनेगल, ट्यूनीशिया समेत और देशों ने भी मौतों की पुष्टि की है.