नई दिल्ली– मध्य प्रदेश के ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के रायबरेली में असामाजिक तत्वों द्वारा ट्रेन पलटाने का षड्यंत्र फिर सामने आया है। ग्वालियर में सोमवार देर रात बिरला नगर स्टेशन स्टेशन के आउटर पर तीसरी लाइन की पटरियों पर लोहे की मोटी छड़ों को तारों से बांधकर रख दिया गया था। रात लगभग डेढ़ बजे इसी ट्रैक पर आ रही मालगाड़ी के लोको पायलट को जब छड़ें नजर आईं तो उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी और हादसा टला।
रायबरेली में सवारी गाड़ी बेपटरी करने की साजिश
रायबरेली में जगतपुर-दरियापुर स्टेशन के मध्य बेनीकामा गांव के निकट पटरी से सटाकर सवारी गाड़ी को बेपटरी करने की साजिश के तहत सीमेंट का स्लीपर गाड़ दिया गया था। सवारी गाड़ी के पहले मालगाड़ी आ गई। लोको पायलट ने इसे देखा और ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकी। हालांकि, इंजन का कैटल गार्ड (सुरक्षा के लिए लगी लोहे की चादर) स्लीपर से टकरा गया। सूचना मिलते के बाद मंगलवार को पूरे दिन झांसी मंडल से प्रयागराज मुख्यालय तक हलचल रही।
लखनऊ की टीम करेगी जांच
झांसी के जनसंपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि जीआरपी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सहायक मंडल अभियंता प्रयागराज राजेश कुमार कुशवाहा ने कहा कि रेल पटरी के किनारे से सीमेंट के सभी स्लीपर हटाने का निर्देश दिया गया है। मंडल रेल प्रबंधक एसएम शर्मा ने कहा कि लखनऊ स्तर से टीम गठित कर मामले की जांच कराई जाएगी।
पहले भी हो चुकी हैं साजिशें
पांच अक्टूबर: झांसी-भोपाल रेल लाइन पर दैलवारा-ललितपुर के बीच ट्रैक पर छह फीट का सरिया रखा गया। पातालकोट एक्सप्रेस के पहियों में सरिया फंस गया था।
30 सितंबर: कानपुर के गोविंदपुरी-भीमसेन रेल लाइन पर अग्निशामक सिलिंडर मिला, इस दौरान पुष्पक एक्सप्रेस गुजर रही थी।
29 सितंबर: महोबा में कबरई-मटोंध स्टेशन के बीच पटरियों पर पिलर रखकर पैसेंजर ट्रेन को पलटाने का प्रयास किया गया।
22 सितंबर: कानपुर के महाराजपुर में प्रेमपुर स्टेशन के पास ट्रैक पर एलपीजी सिलिंडर और बीयर कैन रखे मिले, उस समय मालगाड़ी गुजर रही थी।
17 अगस्त: कानपुर के गोविंदपुरी के नजदीक भीमसेन में पटरी पर रखे पत्थर के टकराने से साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे बेपटरी हो गए थे।