मिसरोद थाना इलाके में रहने वाले एक युवक ने अपने घर में फांसी लगा ली। पुलिस को उसके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। शुरूआती जांच में पता चला है कि वह दो साल से दमे की बीमारी से परेशान था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मिसरोद थाना पुलिसके मुताबिक 30 वर्षीय सुनील चिढ़ार समरधा झुग्गी बस्ती में रहता था तथा मेहनत-मजदूरी करता था। परिवार में उसके दो छोटे भाई व माता-पिता हैं। यह परिवार मूलत: विदिशा जिले का रहने वाला है। शुक्रवार को परिवार के सभी लोग अपने-अपने काम पर चले गए थे। शाम को जब मां घर लौटी तो घर का दरवाजा अंदर से बंद था।
बार-बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी सुनील ने अंदर से दरवाजा नहीं खोला तो पड़ोसी ने खिड़की से झांककर देखा। अंदर सुनील फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। उन्होंने किसी तरह सुनील को फन्दे से उतारा, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। तलाशी के दौरान वहां से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। जांच के दौरान पुलिस को इलाज के कागजात मिले हैं।
जिससे यह पता चला कि पिछले दो साल से वह दमे की बीमारी से परेशान था। उसकी शादी की भी बात एक जगह चल रही थी, लेकिन शादी तय नहीं हो पा रही थी। माना जा रहा है कि बीमारी से परेशान होकर उसने फांसी लगा ली।
गौतम नगर थाना इलाके में शुक्रवार दोपहर एक युवक ने दुकान में फांसी लगा ली। गौतम नगर थाना पुलिस के मुताबिक करोंद निवासी 46 वर्षीय रविंद्र कुश्वाहा पुत्र बलराम की ग्रीन पार्क कालोनी में फोटो कापी की दुकान है। शुक्रवार दोपहर को उसने अपनी दुकान में फांसी लगा ली। दुकान पर काम करने वाला महेंद्र जब वहां पहुंचा तो उसने रविंद्र को फंदे पर लटका देखा। सुसाइड नोट नहीं मिलने से अभी खुदकुशी की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है।