NEET की परीक्षा में सेंधमारी का पर्दाफाश, पेपर सॉल्वर गैंग में शामिल दो MBBS छात्र समेत चार गिरफ्तार

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मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम यानी NEET की परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा में हर साल 23 से 24 लाख उम्मीदवार बैठते हैं. इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए नेशनल एलिबिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET UG) की परीक्षा होती है. इतनी बड़ी तादात में उम्मीदवारों की संख्या होने के कारण परीक्षा की सुरक्षा को लेकर कड़े इंतजाम किए जाते हैं. इसके बाद भी पांच मई को हुई परीक्षा मे सेंधमारी का मामला सामने आया है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सॉल्वर गैंग के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

दो MBBS छात्र सहित चार पकड़े गए

नई दिल्ली डीसीपी देवेश कुमार महला के अनुसार, नीट की परीक्षा के दौरान नकल पर कड़ी कार्रवाई करते हुए नई दिल्ली जिले के स्पेशल स्टाफ ने पेपर का हल करने वाले एक गिराह में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए लोगों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के दो एमबीबीएस छात्रों के साथ वे लोग भी हैं, जिन्होंने इस साजिश में उनकी सहायता की थी. कार्रवाई के दौरान चार मोबाइल फोन और एक कार को जब्त कर लिया गया है.

चार जगह मारी छापेमारी 

दिल्ली पुलिस के अनुसार, बीते 5 मई को भारतीय विद्या भवन मेहता विद्यालय में NEET परीक्षा के वक्त दो छात्रों का बायोमेट्रिक डेट मैच नहीं हो सका था. उन्हें दोबोच लिया गया. इसके बाद तिलक मार्ग थाने में मामला दर्ज किया गया. इस केस में प्रॉक्सी छात्र सुमित मंडोलिया और कृष्ण केसरवानी को पकड़ा गया है. इस अपराध की गंभीरता को देखते हुए, इस मामले को स्पेशल टीम ने जांचना शुरू कर दिया है. टीम अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए दिल्ली, अलवर, जयपुर और नोएडा में लगातार छापेमारी कर रही है. ये छापे खुफिया जानकारी के आधार पर मारे गए.

पूछताछ में आरोपी सुमित मंडोलिया और कृष्ण केसरवानी ने इस गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है. इसमें कई नामों का खुलासा हुआ है. इनकी पहचान प्रभात कुमार और किशोर लाल के रूप में सामने आई है. इन्हें नोएडा के एक होटल से गिरफ्तार किया गया है.

नीट एग्जाम में फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपी

नोएडा के एक होटल से पकड़ा गया 27 वर्षीय किशोर लाल जोधपुर का रहने वाला है. किशोर लाल गिरोह में सलाहकार की तरह था. वह अव्वल छात्रों की पहचान करता था. इसके बाद उन्हें उन्हें एग्जाम में हेराफेरी करने के लिए राजी करता था. वहीं दूसरा आरोपी 37 साल का प्रभात कुमार पटना का निवासी है. ये आरोपी पहले पटना में एक कोचिंग को चलाता था. वहीं तीसरा आरोपी सुमित मंडोलिया जयपुर का निवासी है. यह इस समय पश्चिम बंगाल के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस का दूसरे वर्ष का छात्र है.

इस गिरोह में शामिल चौथा आरोपी कृष्ण केसरवानी उत्तर प्रदेश के प्रयागरात का निवासी है. वह उत्तराखंड के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट है. इससे पहले 5 मई को बिहार पुलिस के द्वारा 13 लोग गिरफ्तार किया जा चुका था. पेपर लीक की जांच शुक्रवार को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के हवाले कर दी गई है.

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