गौरेला पेंड्रा मरवाही– छत्तीसगढ़ में टीकाकरण के बाद मासूमों की मौत का मामला इन दिनों गरमाया हुआ है. इस बीच बिलासपुर संभाग में टीका लगने के बाद एक और बच्चे की मौत का मामला सामने आया है. यह घटना गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के सेमदर्री पंचायत की है।
जानकारी के अनुसार, बीते 3 सितंबर को सेमरदर्री पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चे को कुल पांच टीके दिए गए थे, जिसमें 3 इंजेक्शन (penta, pcv, rotavirus, eipv, पोलियो) के माध्यम से लगे और दो बच्चे को पिलाये गए।
टीका लगने के दूसरे दिन ही बच्चे की तबीयत एकाएक बिगड़ गई. जिसके बाद परिजन उसे पहले मरवाही अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल गौरेला रेफर कर दिया। जहां इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया।
मासूम बच्चे के पिता शरवन आयाम का आरोप है कि एक दिन पूर्व ही उसके डेढ़ माह के बच्चे का नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण किया गया था. घर आने के बाद मासूम की स्थिति बिगड़ती गई. इसके बाद बच्चे को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उसे जिला अस्पताल पेंड्रा रोड रेफर कर दिया गया. जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मासूम महज डेढ़ माह का था. परिवार वालों का कहना है कि टीकाकरण होने के बाद ही बच्चे की स्थिति ऐसी बिगड़ी की उसकी मौत हो गई।
इस मामले में जिला टीकाकरण अधिकारी के.के सोनी ने बताया कि बच्चे की मौत का कारण जांच के बाद ही पता चल पायेगा. उस दिन जितने भी बच्चों को टीका लगा वो एकदम स्वस्थ हैं, इसलिए टिके से मौत की संभावना नहीं है. बता दें कि हाल ही बिलासपुर जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा अंतर्गत ग्राम पंचायत पटैता के कोरी पारा में दो नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी.
मिली जानकारी के अनुसार दोनों नवजात-शिशु को पटैता के आंगनबाड़ी केंद्र में 30 अगस्त को टीका लगाया गया था. टिका लगने के बाद 30 अगस्त को एक शिशु की मृत्यु हुई और दूसरे की 31 अगस्त की सुबह मृत्यु हो गई. इस घटना के बाद प्रदेश में सियासत गरमा गई, जिसके बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए टीम गठित किया गया है।