रायगढ़- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.बी.के.चंद्रवंशी ने शीत लहर से बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश और एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने बताया कि शीतलहर दिसम्बर और जनवरी में घटित होती है। जिसके चलते सर्द हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने बताया कि शीतलहर का नकारात्मक प्रभाव बुजुर्गो और 5 वर्ष के छोटे बच्चों पर अधिक होता है। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों, बघेर व्यक्तियों, दीर्घकालिक बीमारियों से पीडि़त रोगियों, खुले क्षेत्र में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिए भी शीत लहर के दौरान विशेष सतर्कता बरतना आवश्यक है।
शीतलहर की स्थिति में क्या करें, क्या न करें
जितना संभव हो घर के अंदर ही रहें, अति आवश्यक कार्य होने पर बाहर निकलें। शीतलहर से बचाव हेतु टोपी और मफलर का भी उपयोग किया जा सकता है अथवा सिर व कान ढंककर रखें। मौसम से संबंधित समाचार व आपातकाल के संबंध में जारी समाचारों को ध्यान से सुने।
यदि बिजली का प्रवाह अवरूद्ध होता है ऐसी स्थिति में फ्रीज में खाने के सामान को 48 घंटों से अधिक न रखें। यह भी सुनिश्चित करें कि पॉवर सप्लाई आपातकाल में भी रहे। ऐसे आवास का उपयोग करें जहां तापमान सही रहता हो, आवश्यकतानुसार गर्म पेय पीते रहें। वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखें तथा उनको अकेला न छोड़ें।
स्वास्थ्यवर्धक खाने का उपयोग करें। यदि सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव ‘शरीर पर दिखाई दें-जैसे नाक कान लाल हो, पैर हाथ की उंगलियां भी लाल हो तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें। असामान्य तापमान की स्थिति, अत्यधिक कांपना, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी हो, तो ऐसी स्थिति में तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें।