रतलाम/ढोढर- रिंगनोद थाना क्षेत्र के महू-नीमच हाईवे स्थित रूपनगर फंटे के पास खेत में चार दिन पहले अर्द्धनग्न अवस्था में मिले युवती के शव की शिनाख्त 20 वर्षीय सविता राठौर पुत्री स्वर्गीय भारतसिंह राठौर निवासी ग्राम नरेडीबेरा थाना खाचरौद जिला उज्जैन के रूप में हुई है। वह रतलाम शहर के राम मंदिर क्षेत्र में किराये का मकान लेकर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही थी। वहीं उसके अंधेकत्ल की गुत्थी नहीं सुलझ पाई है। उसकी पहचान होने से अब उसकी हत्या की गुत्थी जल्द सुलझने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि दो अप्रैल 2024 को सुबह ढोढर पुलिस चौकी क्षेत्र में हाईवे से करीब पचास फीट दूर स्थित एक खेत में खून से सना अर्द्धनग्न अवस्था में अज्ञात युवती का शव मिला था। उसके गले पर धारदार हथियार के वार से आई चोट पाई गई थी। उसके पास शिनाख्त संबंंधी कोई वस्तु या दस्तावेज नहीं मिला था। पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर पोस्टमार्टम कराया था। शिनाख्त नहीं होने पर शव जावरा नगर के एक मुक्तिधाम में दफनवा दिया था। वहीं पुलिस ने उसकी पहचान के लिए उसका फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया था। आसपास से गुमशुदा युवतियों के बारे में जानकारी ली, लेकिन फिर भी उसकी पहचान नहीं हो पाई थी। उधर, शनिवार को उसके भाई व अन्य स्वजन ने फोटो के आधार पर शव की शिनाख्त सविता राठौर के रूप में की।
सविता के स्वजन उसे फोन लगा रहे थे, लेकिन उसका फोन बंद आ रहा था। शनिवार को उसका छोटा भाई 18 वर्षीय धीरेंद्रसिंह राठौर, मामा गजराज सिंह व अन्य स्वजन राम मंदिर क्षेत्र में सविता के किराये के मकान पर पहुंचे तो वहां ताला लगा हुआ था। इसके बाद वे गुमशुदगी दर्ज कराने औद्योगिक क्षेत्र थाने गए और पुलिस को सविता के लापता होने की जानकारी दी।
पुलिस ने जानकारी लेकर रूपनगर फंटे के पास मिले युवती के शव का फोटो उन्हें दिखाया तो उन्होंने तत्काल उसे पहचाने हुए बताया कि उक्त फोटो तो सविता का है। इसके बाद रिंगनोद पुलिस को सूचना दी गई।बाद में वहां से उसके भाई व अन्य स्वजन को जावरा मुक्तिधाम ले जाया गया और शव निकलवाकर स्वजन को बताया तो उन्होंने शव की पहचान भी सविता के रूप में की।
पुलिस ने इसके बाद शव स्वजन को सौंप दिया। पुलिस स्वजन से सविता के मित्रों आदि के बारे में जानकारी ले रही है।
भाई धीरेंद्रसिंह राठौर ने बताया कि उनके पिता का दो वर्ष पहले निधन हो चुका है। तीन भाई-बहनों में सविता सबसे बढ़ी थी। उनकी एक और बहन 17 वर्षीय रानू है। सविता करीब छह माह पहले नर्सिंग की पढ़ाई करने के लिए रतलाम आई थी। वह किराये के मकान में रहकर एक नर्सिंग कोचिंग में पढ़ाई कर रही थी।
उससे दो-तीन दिन में एक बार बात होती थी, क्योंकि वह पढ़ाई के चलते अधिकतर समय अपना मोबाइल फोन बंद रखती थी। सविता से 31 मार्च 2024 की शाम को फोन पर आखरी बार बात हुई थी। इसके बाद कई बार फोन किए लेकिन फोन बंद था। उसके घर पर ताला मिला और जब गुमशुदगी कराने गए तो घटना की जानकारी मिली।