नियम कायदे बने होने और इस बारे में पर्याप्त जानकारी होने के बावजूद इन्हें ठेंगा दिखाने और मनमानी करने वाला वर्ग तब सक्रिय है जब ऐसे प्रकरणों में लगातार सख्ती दिखाई जा रही है। ताजा मामला कोरबा से जुड़ा हुआ है जहां विजन इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हैरानी वाले अंदाज में बिना मान्यता के लंबे समय से चलता रहा। शिकायत होने पर इसका खुलासा हुआ। आसपास के लोगों की शिकायत पर विभाग ने मामले की जांच कराई।
कोरबा जिले में शिकायत होने पर किसी स्कूल के बारे में इस तरह की सनसनीखेज जानकारी सामने आई। नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 24 महाराणा प्रताप नगर में मुख्य मार्ग पर यह स्कूल काफी समय से संचालित हो रहा है। यहां नर्सरी से आठवीं तक की कक्षाएं संचालित है।
सरकार की व्यवस्था के अंतर्गत ऐसे प्रकरणों में न केवल स्कूल का पंजीयन कराना जरूरी है बल्कि शिक्षा विभाग से नियमानुसार मान्यता लेना भी अनिवार्य है। कोई व्यक्ति स्कूल का संचालन करे और यह बोल दे कि उसे जानकारी नहीं है, ऐसा भला कैसे हो सकता है। लेकिन ताजा मामले ने व्यवस्था को हासिए पर रखने का दुस्साहस दिखाया गया।
संबंधित कक्षाओं में छात्रों को एडमिशन देने और मोटी रकम ऐंठने का काम संचालक की ओर से किया गया। यह काम बेधडक़ चलता रहा और कोशिश भी यही थी कि इसमें कोई रूकावट न आने पाए। कुछ महीने पहले एमपी नगर की एचआईजी कालोनी के लोगों ने अपने घरों के सामने स्कूल की गाडिय़ां खड़े करने और बोलने पर बदतमीजी किए जाने को लेकर एतराज किया।
संचालक के ठंडे रूख के बाद मामला प्रशासन तक पहुंचा और पूरे प्रकरण की जांच की मांग की गई। बीईओ स्तर के अधिकारी से जांच कराए जाने पर चौकाने वाले खुलासे हुए। इसमें पता चला कि विजन इंटरनेशनल स्कूल तो कमजोर बुनियाद के सहारे ऊंचाई को स्पर्श करने में लगा है, जिसने शिक्षा विभाग से मान्यता लेने की जरूरत ही नहीं समझी। विभागीय टीम के द्वारा जमा की गई जांच रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हुई है। उच्चाधिकारियों को इससे अवगत कराया जा रहा है।
कार्रवाई के लिए मांगेंगे निर्देश
बिना मान्यता के स्कूल का संचालन करने का मामला मेरी पदस्थापना के बाद सामने आया है। इस प्रकरण में स्कूल संचालक पर क्या कार्रवाई की जाए, संबंधित प्रावधानों की जानकारी मांगने उच्च कार्यालय से पत्राचार करेंगे। फिलहाल संबंधित संचालक ने मान्यता के लिए हमारे पास आवेदन किया है। शिक्षा विभाग में कुछ शिक्षकों को लेकर भी शिकायतें लंबित हैं।
– टी.पी.उपाध्याय, डीईओ कोरबा