रोजगार दिवस में ग्रामीणों को पर्यावरण प्रबंधन का बताया गया महत्व

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  • गांवों में मनाया जा रहा स्वच्छ हरित ग्राम सप्ताह

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत ग्राम पंचायतों में, मनरेगा कार्यस्थलों में प्रतिमाह 07 तारीख को मनाए जाने वाले रोजगार दिवस में शुक्रवार ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण एवं पर्यावरण प्रबंधन के महत्व की जानकारी दी गई। इसके साथ ही मनरेगा मजदूरी भुगतान प्रक्रिया के विषय में बताया गया।

कलेक्टर  अजीत वसंत के निर्देशन व जिला पंचायत सीईओ  संबित मिश्रा के मार्गदर्शन में महात्मा गांधी नरेगा के तहत जागरूकता गतिविधि के रूप में प्रत्येक माह की 07 तारीख को ग्राम पंचायतों में रोजगार दिवस मनाया जाता है। रोजगार दिवस पर ग्रामीणों, मनरेगा के पंजीकृत श्रमिकों को बताया गया कि 05 जून से 12 जून 2024 तक गांवों में स्वच्छ हरित सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसके तहत भू-जल को रिचार्ज करने एवं जल भराव को लंबी अवधि तक रोकने में सोकपिट एवं वॉटर हार्वेस्टिंग संरचना मदद करती है।

वर्षा जल के प्रभावी प्रबंधन के लिए उपयुक्त स्थानों की पहचान कर सार्वजनिक नलकूप/हैण्डपंप के पास सोक पिट का निर्माण किया जाए तथा सार्वजनिक पक्के भवनों में वॉटर हार्वेस्टिंग संरचना बनाने के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया गया। वर्मी कम्पोस्ट/नाडेप पिट से जैविक कचरे को पोषक तत्व के रूप में जैविक खाद बनाने तथा जैविक कचरे के प्रबंधन और मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए वर्मी कम्पोस्ट/नाडेप पिट बनाने के लिए मनरेगा हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया गया।

इसके साथ ही ग्राम पंचायतों के कचरे से कम्पोस्ट खाद, अपषिष्ट पदार्थों के पुनः उपयोग एवं गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे की रिसाइकलिंग के लिए प्रेरित किया गया ताकि भूमि में कचरे के रोकथाम के साथ पोषक खाद बनाया जा सके।

इसके साथ ही ग्रामीणों को मनरेगा के वर्तमान मेें प्रचलित मजदूरी दर 243 रूपए तथा मजदूरी भुगतान प्रक्रिया की जानकारी दी गई। मनरेगा श्रमिकों को प्राप्त अधिकारों तथा हकदारियों के विषय में भी बताया गया। ग्राम पंचायत गुरसिया, कोथारी, तानाखार, चांपा, राल, रलिया, नवापारा, रिंगनिया, चचिया आदि ग्राम पंचायतों में रोजगार दिवस मनाया गया। इस अवसर पर तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक, सरपंच, पंच, स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीण एवं मनरेगा श्रमिक उपस्थित थे।

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