कोटा में नकली घी बनाने की फैक्ट्री को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्तालय ने अगले आदेश तक सील कर दिया है। संबंधित विभाग की एक संयुक्त टीम ने शनिवार दोपहर शहर के राणपुर इलाके में नकली घी बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा और 6,700 लीटर से अधिक मिलावटी घी जब्त किया। अधिकारियों ने बताया कि कृष्णा और बालगोपाल के ब्रांड से बाजार में चार सौ रुपए लीटर बेचा जा रहा था।
जांच के दौरान घी का रंग और खुशबू अलग मिली। करीब 24 लाख रुपए का सामान जब्त कर सैंपल जांच के लिए भेजा गया है।खाद्य सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त आयुक्त, पंकज ओझा ने संयुक्त टीम का नेतृत्व किया। छापेमारी के दौरान उन्होंने कहा कि टीम ने पाया कि कारखाने में नकली घी का निर्माण किया जा रहा था और ग्रामीण इलाकों में बाल कृष्ण, बालगोपाल, सोरस सुध देसी घी जैसे 4-5 प्रकार के ब्रांडों के तहत बेचा जा रहा था।ओझा ने कहा कि मिलावटी घी और मक्खन को एसेंस और कृत्रिम स्वाद के साथ तैयार किया जा रहा था।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा के अलावा, विनिर्माण इकाई के मालिक के पास चिकित्सा और कीट नियंत्रण लाइसेंस भी नहीं पाए गए और सरकार द्वारा निर्धारित किसी भी दिशानिर्देश का पालन नहीं किया जा रहा था।अधिकारियों ने कहा कि फैक्ट्री में लोकप्रिय ब्रांडों के डुप्लिकेट बनाए जाते थे।
उदाहरण के लिए- सारस को सोरस के रूप में बनाया जा रहा था, और कृष्ण को बाल कृष्ण के रूप में तैयार किया जा रहा था। अधिकारी ने कहा, इकाई में पाए गए इन वस्तुओं और कच्चे माल के नमूने परीक्षण के लिए एकत्र किए गए थे।
वहीं, कोटा के खाद्य एवं सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल ने बताया कि गहन जांच के बाद 562 कार्टूनों में पैक 6,744 लीटर मिलावटी घी (जिनमें से प्रत्येक में 12 लीटर थे) फैक्ट्री से जब्त किया गया है। साथ ही फैक्ट्री को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि फैक्ट्री का मालिक दिलीप सिंह है, जिसे मौके पर बुलाया गया और पूछताछ की गई। अग्रवाल ने कहा कि मालिक के खिलाफ खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अनुसार आगे की प्रक्रिया चल रही है और तदनुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी।