छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला शिक्षा अधिकारी ने फर्जी सर्टिफिकेट के सहारे नौकरी कर रहे 4 प्रधान पाठकों को निलंबित कर दिया है। आरोप है कि शिक्षाकर्मी वर्ग-3 की भर्ती के वक्त 12वीं बोर्ड की फर्जी मार्कशीट जमाकर शिक्षक की नौकरी प्राप्त की थी। शिकायत के बाद मामले की जाँच कर विकासखंड शिक्षा अधिकारी ने चारों प्रधान पाठकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था। नोटिस पर किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिला | जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय ने चारों को निलंबित कर दिया।
जानकारी के मुताबिक 2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग तीन की भर्ती आवेदन लिया गया था। इस भर्ती प्रकिया में मिनेश कौशिक, विनोद निराला, राम लाल जांगड़े और दिलीप कुर्रे द्वारा कूटरचित कर फर्जी 12वीं बोर्ड की सर्टिफिकेट जमा की गयी थी। नौकरी मिलने के बाद से चारों शिक्षा विभाग में नौकरी करने लगे। जब इसकी शिकायत की गई तब जाकर मामला सामने आया। इस मामले पर 15 साल बाद शिकायत होने पर जिला शिक्षाधिकारी द्वारा जांच का आदेश दिया गया।
मामले की शिकायत मिलने के बाद बीईओे संजय अग्रवाल ने मामले की जांच शुरू की । जांच में भर्ती प्रक्रिया के वक्त जमा किये गये अंकसूची और सेवा पुस्तिका में प्रस्तुत अंकसूची में अंतर पाया गया। इसके बाद मामले में स्पष्टीकरण जारी कर 7 दिनों के भीतर जवाब देने को कहा था। जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने और जांच में शिकायत सहीं पाये जाने पर डीईओं टी.पी.उपाध्याय ने कोरबा विकासखंड के प्राथमिक शालाओं में प्रधान पाठक के पद पर पदस्थ चारों प्रधान पाठकों को निलंबित कर दिया है। डीईओं टी.पी.उपाध्याय ने बताया जांच में शिकायत सही पाये जाने पर सबसे पहले निलंबन की कार्रवाई की गयी है। जल्द ही चारों प्रधान पाठकों के खिलाफ आरोप पत्र तय कर उनकी बर्खास्तगी की कार्रवाई की जायेगी। इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है |