तंबाकू का सेवन शरीर के लिए हानिकारक होता है, यह बात लोगों को समझने की आवश्यकता है। आज से 20 वर्ष पहले तंबाकू से प्रति माह मृत लोगों की संख्या 1800 थी, लेकिन अब संख्या बढ़कर चार हजार हो गई है। पहले 20 प्रतिशत युवक और तीन प्रतिशत युवती तंबाकू का सेवन करती थी। लेकिन अब यह संख्या भी बढ़ गई है। अब 39 प्रतिशत युवक और 20 प्रतिशत युवती इसमें शामिल है। यह चिंता की बात है। क्योंकि इसके कारण महिलाओं को गर्भवती होने में भी समस्या होती है।
यह बात रविवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा तंबाकू कंट्रोल पर निजी होटल आयोजित कार्यशाला के दौरान आईएमए के राष्ट्रीय महासचिव डा. अनिल नायक ने कहीं। साथ ही बताया कि 13 से 15 की उम्र में इसकी लत से बच्चों को बचाना चाहिए, क्योंकि इस आयु में लत लग जाती है तो बाद में समस्या होती है। यदि इस उम्र में इसके सेवन से बचा लिया तो भविष्य में लत लगने की संभावना कम हो जाती है।
नायक ने बताया कि तंबाकू के सेवन से आने वाली पीढ़ी को बचाने के लिए आएएमए द्वारा आओ गांव चले कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। जिसमें गोद लिए गांवों में हर रविवार को डाक्टरों की टीम जाती है और उन्हें तंबाकू के सेवन से दूर रहने के लिए जागरूक करती है।
राजस्थान कैंसर सोसायटी के डाॅ. राकेश गुप्ता ने बताया कि तंबाकू सेवन से होने वाली शारीरिक व्याधियां केवल व्यक्ति ही नहीं, समाज ही नहीं पूरे देश को गहरी हानि पहुंचा रहा है। आजकल थोड़ी-थोड़ी दूरी पर तंबाकू की सामग्री आसानी से उपलब्ध होने लगी है। मध्य प्रदेश में बीड़ी के तेंदूपत्ता का बड़ा कारोबार जबलपुर और बीड़ी निर्माण का कार्य सागर में होता है।
नेशनल चेयरमैन आईएमए केंसर एंड तंबाकू कंट्रोल कमेटी डा. दिलीप कुमार आचार्य ने बताया कि तंबाकू के सेवन से कैंसर के अलावा डायबिटीज, हृदय आदि समस्या भी होती है।