छत्तीसगढ़-झारखंड के कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबारियों को मारने आए 4 शूटरों को रायपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के बाद कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह ने छत्तीसगढ़ की मीडिया को एक धमकी भरा ई-मेल भेजा है। इसमें उसने गिरफ्तारी को षड्यंत्र बताया है। साथ ही रंगदारी मांगने की बात से इनकार करते हुए ईगो हर्ट करने की बात कही है।
वहीं मेल में बदला लेने की धमकी दी गई है। कहा है कि, कारोबारियों के परिवार से एक आदमी कम करेंगे। मेल को लेकर रायपुर SSP संतोष सिंह ने प्रमाणिकता की जांच कराने की बात कही है। इसके अलावा जिस सिस्टम से मेल आया है उसके आईपी एड्रेस का ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।
‘रायपुर पुलिस के द्वारा हमारे गैंग के कुछ मेंबर की गिरफ्तारी की गई है। अखबारों में हमने पढ़ा कि हमारे जो टार्गेट थे उनसे हमारा ये डिमांड है, वो डिमांड है, और कई तरह की बातें। यह भी छापा गया है कि हमारा गैंग छत्तीसगढ़ में पैर फैलाना चाह रहा है रंगदारी वसूली के लिए।
इस बात में कहीं कोई दम नहीं है कि हमारा गैंग रायपुर में पैर फैलाना चाहता है। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि रायपुर में जिनकी हत्या होने वाली थी उनमें … कंपनी के मालिकों में से एक थे। यह कंपनी झारखंड में सड़क निर्माण कर रही है। दूसरा टार्गेट थे… जिसका झारखंड में कोल परिवहन का काम है।
इनसे हमारा अब पैसे लेने देने या रंगदारी की मांग को लेकर कोई बात नहीं है.. इन्होंने ईगो हर्ट किया है…. कंपनी के मालिकों के इशारे पर झारखंड पुलिस के कुछ लोगों के साथ मिलकर हमारे गैंग के लोगों की षड्यंत्र पूर्वक गिरफ्तारी कराई है। इसे हम सीधे रूप से चुनौती के रूप में लेते हैं।
चाहते तो इसी कंपनी के अधिकारी या कर्मचारी को झारखंड में इनके साइट पर हत्या कर सकते थे, पर हम ऐसा करेंगे नहीं क्योंकि, इसमें सीधे तौर पर मालिक की भूमिका थी। हम बेशक इस बार फेल हुए है, पर ये प्रयास अंतिम नहीं है। हमारी कोशिश जारी रहेगी और हम बहुत जल्द …. परिवार और बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टीम एक आदमी कम कर देंगे।
साथ ही मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि गैंग में हथियारों और शूटर की कोई कमी नहीं है… देश-विदेश के किसी हिस्से में बैठा कोई कॉर्पोरेट समूह झारखंड में कारोबार करेगा मुझे दरकिनार नहीं कर सकता है। जो करने की कोशिश करेगा हम उस तक पहुंचेंगे।’
कोयला कारोबारियों और ठेकेदारों को रंगदारी के लिए धमकी देने वाले सुजीत सिन्हा गिरोह का सदस्य मयंक सिंह पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। रांची, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा और लातेहार के कोयला व्यवसायी और ठेकेदारों को मयंक सिंह रंगदारी के लिए धमकी दी थी।
मयंक सिंह मूल रूप से हरियाणा का रहने वाला है। अमन साहू के जेल जाने के बाद मयंक सिंह को गिरोह का कमान मिली। बताया जा रहा है कि रायपुर में भेजे गए शूटरों के मामले में वहीं मास्टर माइंड है। उसने ही पप्पू सिंह को सुपारी दी थी। इसके पहले एक-दो वारदातों में अमन साहू गैंग के लड़के पुलिस के हत्थे चढ़ गए थे। इस वजह से इस बार मयंक सिंह ने सुपारी बाहर के बड़े गैंग को दी। पुलिस को फिलहाल फरार मयंक सिंह की लोकेशन मलेशिया में मिली है। वहीं से ये ऑपरेट कर रहा था।
दरअसल, 26 मई को रायपुर पुलिस ने छत्तीसगढ़ और झारखंड के बड़े कोल और कंस्ट्रक्शन कारोबार से जुड़े कारोबारियों की हत्या की प्लानिंग कर रहे 4 शूटरों को दबोचा था। इनमें से 3 शूटर रायपुर से पकड़े गए। वहीं एक को राजस्थान के पाली से गिरफ्तार किया गया था। पकड़े गए शूटर लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू गैंग से जुड़े हुए हैं।
इन्होंने रायपुर और रायगढ़ में कारोबारी को गोली से मारने की सुपारी ली थी। हालांकि घटना के 24 घंटे पहले ही ये पुलिस के हत्थे चढ़ गए। जिसके बाद पुलिस ने कोर्ट में इन्हें पेश कर 8 दिन (2 जून) की रिमांड पर लिया है। पुलिस का दावा है कि पूछताछ में आरोपियों से कई और राज खुल रहे हैं।