जिले के स्कूली बालिकाओं को जल्द ही साइकिल उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे बालिकाओं को घर से स्कूल आने-जाने में बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही पंचायत व स्कूलों की लाइब्रेरी में पुरानी ऐसी किताबें रखी जाएगी, जो अतिरिक्त हो या जिसे पढ़ा जा चुका है। यह नए विद्यार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगी और विद्यार्थी अवकाश के दिन में भी उन किताबों को पढ़ सकेंगे। संकुल की पुरानी किताबों को जल्द ही लाइब्रेरी में संग्रहित किए जाएंगे। शासकीय, अनुदान प्राप्त और निजी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों का समय बद्ध वितरण किया जाए।
कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कलेक्ट्रेट परिसर स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में समीक्षा करते हुए कहा कि स्कूलों में कीचन गार्डन में ऐसे साग-सब्जी जैसे टमाटर, मिर्ची, धनिया का उत्पादन किया जाए, जो उपयोगी हो और बच्चों के मध्यान्ह भोजन में सब्जी काम आए। साथ ही बच्चों को दो-दो जोड़ी स्कूल ड्रेस जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाएं। कलेक्टर ने कहा कि यदि कोई स्कूल भवन या उसका कोई हिस्सा जर्जर हो और नए भवन का निर्माण कराया जाना हो तो पुराने भवनों का विधिवत रूप से नष्ट किया जाए और उनके मलबे का नीलामी की प्रक्रिया भी करें, इसकी जानकारी स्कूल अभिलेख में दर्ज करें। उन्होंने परीक्षा परिणाम में सुधार लाने और पढ़ाई में गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देष दिए।
डॉ. सिंह ने स्कूल शिक्षा विभाग में तील साल से अनुपस्थित कर्मियों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है। इसके पश्चात उन कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर ने प्रत्येक विकासखंड से दो-दो स्कूल भवन के निर्माण मरम्मत और कीचन शेड बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश भी दिए है। उन्होंने कहा कि किचन शेड ऐसा बनाया जाए जो उपयोगी हो। बालबाड़ी के बच्चों प्राथमिक शाला में दाखिला दिलाया जाए। उन्होंने कहा कि मध्यान्ह भोजन की जानकारी प्रतिदिन जिला पंचायत सीईओ को भेजी जाए।
इसके अलावा आरटीई, छात्र दुर्घटना बीमा योजना, छात्रवृत्ति, नवाचार, शिक्षक सेटअप, महतारी दुलार योजना, समग्र शिक्षा के कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर जिला पंचायत सीईओ श्री विश्वदीप, डीईओ विजय खंडेलवाल, जिला समन्वयक समग्र शिक्षा के. एस. पटले समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।