तेलंगाना सरकार ने एक बार फिर 28 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया है। इससे पहले, 20 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया था। रेवंत रेड्डी के मुख्यमंत्री बनने के बाद बड़ी संख्या में जिला कलेक्टरों का तबादला किया गया है।
माना जाता है कि प्रशासनिक कार्यों के सुचारू संचालन के लिए समय-समय पर इस तरह के फेरबदल किए जाते हैं, लेकिन इस बार जिस तरह 28 आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है, उसकी वजह प्रशासनिक कार्यों का सुचारू संचालन नहीं, बल्कि कुछ और है। दरअसल, बीते दिनों मेडक जिले में दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक हिंसा हुई थी। इसमें कई लोग घायल हुए थे।
हिंसा की मुख्य वजह विशेष समुदाय की ओर से लगातार की जा रही गो तस्करी है। इस गो तस्करी का कुछ लोगों ने विरोध किया था। इसके बाद बीते दिनों इसे लेकर हिंसा भी देखने को मिली थी। हालांकि, बाद में इस हिंसा पर अंकुश लगाने के मकसद से भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया था। इसके अलावा, मौके पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए थे, ताकि अगर कोई हिंसा के मकसद से कोई कृत्य करता है, तो उसकी गतिविधि कैमरे में कैद हो सके।
बता दें कि आमतौर पर राज्य सरकार की ओर से प्रशासनिक व्यवस्था को दुरूस्त करने के मकसद से अधिकारियों के फेरबदल किए जाते हैं। कभी आईएएस रैंक के अधिकारियों में फेरबदल किए जाते हैं तो कभी आईपीएस रैंक के अधिकारियों में फेरबदल किए जाते हैं। जब कभी भी इस तरह से उलटफेर होते हैं, राज्य का राजनीतिक पारा भी अपने चरम पर पहुंच जाता है।