दिल्ली और जबलपुर की घटनाओं के बाद एक्शन में सरकार

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एक ही दिन दिल्ली (टर्मिनल-एक) और जबलपुर हवाई अड्डे की छत के एक हिस्से के गिरने से उपजी स्थिति से निपटने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने शाम को एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में कई फैसले लिए गए, ताकि मौजूदा हालात में आम यात्रियों की रक्षा हो सके व उनके हितों की सुरक्षा हो सके।

इस क्रम में एक फैसला यह किया गया है कि देश के सभी प्रमुख बड़े व छोटे हवाई अड्डों की ढांचागत मजबूती की जांच की जाएगी। इसके लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को निर्देश दिया गया है कि वह दो से पांच दिनों के भीतर यह काम पूरा कराए और इसकी रिपोर्ट केंद्रीय मंत्री को उपलब्ध कराए। इस रिपोर्ट के आधार पर मंत्रालय ने हवाई अड्डों की सुरक्षा को लेकर एक दीर्घकालिक नीति बनाने का फैसला किया है।

टर्मिनल-एक पर कई उड़ानें रद कर दी गई हैं, जिसका असर दिल्ली से दूसरे शहरों को जाने वाले उड़ानों के किराये पर पडऩे की संभावना है। इसे देखते हुए मंत्रालय ने सभी उड्डयन कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अनावश्यक तौर पर किराया न बढ़ाएं और यात्रियों की सुविधा का ख्याल रखते हुए किराये को स्थिर रखें।साथ ही जिन यात्रियों की टिकटें रद हुई हैं, उनकी सहूलियत के लिए टर्मिनल-दो और टर्मिलन-तीन में चौबीसों घंटे खुला रखने वाला वॉर-रूम गठित किया गया है।

इसकी निगरानी सीधे तौर पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय करेगा। टर्मिनल-दो पर इंडिगो एयरलाइन के यात्रियों के लिए नंबर है, 7428748308 और 7428748310। जबकि टर्मिनल-तीन पर स्पाइसजेट के लिए नंबर है, 0124-4983410 और 9711209864।

मंत्रालय की तरफ से जानकारी दी गई है कि एयरलाइनों को निर्देश दिया गया है कि अगर उड़ानें रद होती हैं तो प्रभावित यात्रियों को दूसरी फ्लाइटों में जगह मिले या उनका किराया सात दिनों के भीतर वापस लौटाने की व्यवस्था की जाए।

सनद रहे कि टर्मिनल-एक के बंद होने से कई उड़ानों के रद किए जाने की सूचना है। उच्च स्तरीय बैठक में टी-एक की घटना की जांच तत्काल ही आईआईटी दिल्ली के इंजीनियरों से कराने का फैसला लिया गया है। इसके आधार पर ही आगे की जांच का फैसला होगा।

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