अपने ही अपहरण की झूठी साजिश रचने वाली काव्या पुलिस की गिरफ्त में है. काव्या ने यह पूरी प्लानिंग अपने दोस्त हर्षित के साथ की थी. पुलिस की गिरफ्त आने पर काव्या ने बताया कि उसने ही अपने माता-पिता से 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी. पुलिस के मुताबिक, काव्या ने करीब डेढ़ महीने पहले अपहरण की पूरी प्लानिंग कर ली थी. इसके बाद नया नंबर खरीदा और माता पिता को फोटो और फिरौती भरे मैसेज किए थे. काव्या रूस से एमबीबीएस करना चाहती थी इसीलिए उसने यह अपहरण की कहानी रची थी.
काव्या मध्य प्रदेश की रहने वाली है. कुछ ही समय पहले उसके माता-पिता उसे राजस्थान के कोटा पढ़ने के लिए छोड़कर गए थे. इसके बाद काव्या अपने परिवार को रोज फोटो भेजती थी कि वह कोटा के किसी हॉस्टल में रह रही है. लेकिन असल में वह अपने दोस्त हर्षित के साथ रह रही थी. इसी कड़ी में एक दिन काव्या ने अपने माता-पिता को अपना हाथ-पैर बंधा, मुंह पर सॉस लगाकर फोटो भेजा और उनसे 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी.
बेटी की ऐसी फोटो देख घबराए माता-पिता राजस्थान के कोटा पहुंच गए और वहां जाकर काव्या की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी. इसके बाद मामला केंद्रीय मंत्री से लेकर सीएम तक पहुंचा. पुलिस की तमाम जद्दोजहद के बाद आज काव्या और उसका दोस्त हर्षित पुलिस की गिरफ्त में है. क्योंकि काव्या ने यह पूरी प्लानिंग सिर्फ माता-पिता से पैसे ऐंठने के लिए की थी.पुलिस से बातचीत में काव्या ने हैरान करने वाले खुलासे किए हैं. कोटा पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहान के मुतबिक, काव्या ने 2021 में एमपी के इंदौर में कोचिंग की थी. इस दौरान साल 2022 में उसे एक लड़का परेशान करने लगा था, जिसके बाद वह घर ही रहने लगी थी. लेकिन माता-पिता के समझाने के बाद वह राजस्थान के कोटा में कोचिंग के लिए तैयार हो गई. उसके माता-पिता उसे कोटा ले आए और वहां छोड़कर वापस चले गए. इसके बाद काव्या कोटा में सिर्फ दो-तीन दिन रही थी.यहां उसका मन नहीं लगा तो वह इंदौर वापस चली गई, लेकिन अपने घर नहीं गई. काव्या ने इस दौरान किसी भी कोचिंग में एडमिशन नहीं लिया था और यह बात उसके माता-पिता को भी नहीं पता थी. काव्या के परिवार वाले सोचते थे कि वह कोटा में वह पढ़ रही है. जबकि काव्या उसके एक दोस्त हर्षित के साथ इंदौर में ही रहकर कोचिंग में पढऩे लग गई.इस दौरान जब उसके परिजनों ने उससे पूछा की पढ़़ाई कैसी चल रही है कि तो उसे लगा कि उसके परिजन नाराज होंगे, इसलिए उसने उन्हें सच नहीं बताया.
पुलिस के मुताबिक, काव्या रूस में एमबीबीएस करना चाहती थी, जिसके लिए उसे पैसे चाहिए थे. इसी कड़ी में उसने यू ट्यूब देखकर अपना ही अपहरण का प्लान बनाया. काव्या ने इस प्लान में उसके दोस्त हर्षित और विजेन्द्र को भी शामिल कर लिया. इसके बाद काव्या ने दोनों दोस्तों की मदद से अपने माता-पिता को हाथ-पैर बंधी फोटो भेजी और 30 लाख रुपये की फिरौती की मांग की. काव्या का कहना था कि 30 लाख रुपये में वह रूस से एमबीबीएस कर पाएगी और उसके बाद माता-पिता को सारी सच्चाई बताएगी.
तीनों ने मिलकर करीब डेढ़ महीने पहले यह पूरा प्लान तैयार किया था. प्लान के मुताबिक, तीनों ने फेक अपहरण के लिए कोटा के आसपास की जगह को चुना और जयपुर जाने का प्लान बनाया, इस दौरान तीनों ने इंदौर में ही काव्या के अपहरण के फोटो लिए और 17 मार्च को काव्या और हर्षित ट्रेन से जयपुर के लिए निकल गए. 18 मार्च को दोनों ने नया मोबाइल सिम लिया. पुलिस की माने तो इसी नए नंबर से दोनों ने काव्या के माता-पिता को अपहरण की झूठी फोटो भेजी और धमकी भरे मैसेज किए थे.
इस दौरान यह मामला इतना बढ़ गया कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने सीएम भजनलाल से काव्या को ढूंढने के लिए बातचीत की थी.देखते ही देखते मामला तूल पकड़ने लगा था. इस बात से घबरा गए काव्या और हर्षित 19 मार्च को चंडीगढ़ रवाना हो गए. चंडीगढ़ से काव्या और हर्षित अमृतसर चले गए. दोनों के पास पैसे भी कम थे,जिस वजह से दोनों ने स्वर्ण मंदिर में ही रुकने का प्लान बनाया. यहां रहना और लंगर मुफ्त होने की वजह से दोनों कुछ दिन यहीं रुके थे. काव्या के मुताबिक, मंदिर में रहते समय जब उसे अपनी गलती का अहसास हुआ तो 28 मार्च को दोनों वापस इंदौर आ गए थे और वहीं एक कमरा लेकर किराए पर रह रहे थे.