रतलाम– न्यायालय ने 17 वर्षीय किशोरी ( छात्रा) से दुष्कर्म करने के मामले में अभियुक्त 20 वर्षीय पूनमचंद सिंगाड पुत्र कालू सिंघाड निवासी ग्राम मौलावा थाना रावटी को पाक्सो एक्ट की धारा 5एल/6 में 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उस पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया।
अभियोजन के अनुसार दसवीं की छात्रा 29 जनवरी 2021 को सुबह घर से स्कूल जाने के लिए निकली थी, लेकिन न तो वह स्कुल पहुंची और न ही वापस घर लौटी। स्वजन ने खोजबीन की, लेकिन उसका पता नहीं चला। पिता ने 2 फरवरी 2021 को शिवगढ़ थाने पर शिकायत की थी शंका है कि उनकी पुत्री को आरोपित पूनमचंद सिंगाड बहलाकर भगा ले गया है।
रतलाम पुलिस ने गुमशुदगी कर जांच के बाद पूनमचंद के खिलाफ धारा 363 में अपहरण का प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस ने 21 अप्रैल 2021 को किशोरी को दस्तयाब किया था। कथन लेने पर किशोरी ने पुलिस को बताया कि बताया कि मैं 29 जनवरी 2021 को सुबह स्कूल जाने का बोलकर घर से निकली थी। शिवगढ बस स्टैंड पर उसे परिचित पूनमचंद सिंघाड मिला था।
मेरी बस निकल गई थी मैं दूसरी बस का इंतजार कर रही थी, पूनमचंद ने कहा था कि वह उसे पसंद करता है तथा उससे शादी करेगा। मेरे साथ चल घुमाकर लाता हूं। इसके बाद वह बस में बैठाकर रावटी तथा वहां से रतलाम ले गया था। वह उसे रतलाम से देवास के ग्राम जामुनिया के पास ले गया था। वहां झोपड़ी में मुझे रखा और कई बार दुष्कर्म किया। पूनमचंद ने उसे जान से मारने की धमकी देकर कहा था कि थाने जाकर बयान देना कि वह घर से नाराज होकर गुजरात मजदूरी करने चली गई थी।
किशोरी ने पुलिस को बताया कि दो दिन पहले पूनमचंद उसे गांव के सरपंच व उसके दूर के रिश्ते के काका के घर ग्राम सिंगत ले गया। उसके काका ने कहा था कि लड़की नाबालिक है इसे थाने पेश कर। इसके बाद पूनमचंद के काका उसे लेकर शिवगढ़ आए थे तथा मेरे आने की सूचना माता-पिता व पुलिस तक पहुंचाई। शिवगढ़ बस स्टैण्ड पर पुलिस आ गई और मुझे थाने ले गई।
डर के कारण पहले उसने पूनमचंद द्वारा दुष्कर्म नहीं करने की बात की थी। जब मैं अपने घर गई तथा माता-पिता ने पूछा क्यो डरी हुई है। मम्मी ने समझाया और पूछा कि क्या हुआ था, तब उन्हें पूरी घटना बताई। इसके बाद पुलिस ने प्रकरण में भादंवि की धारा 366, 376 (2)(एन), 376 (2) (के), 506 भादवि एवं पाक्सो की धारा 5एल/6 बढ़ाकर पूनमचंद को गिरफ्तार कर लिया था।
प्रकरण में शासन की तरफ से पैरवी विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) गौतम परमार ने की। परमार ने बताया कि न्यायालय ने पूनमचंद को धारा 366 में 5 वर्ष का के सश्रम कारावास की सजा व एक हजार रुपये का जुर्माना से भी दंडित किया। दोनों सजा साथ चलेगी।