कोरबा- कोरबा में एक इमरजेंसी केस के दौरान महतारी एक्सप्रेस 102 के ड्राइवर ने गाड़ी में ही महिला की डिलीवरी करा दी। लेकिन नवजात को सांस लेने में दिक्कत थी, इस स्थिति से निपटने के लिए गाड़ी में न इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (EMT) था और न ही ऑक्सीजन उपलब्ध था। नवजात ने गाड़ी में ही दम तोड़ दिया।
पिछले दो दिनों में एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं होने के कारण चार लोगों की मौत हो चुकी है। एक दिन पहले भी कोरबा में ही एक महिला और उसके दो जुड़वा नवजात बच्चों ने एम्बुलेंस में ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया था।
जानकारी के मुताबिक अजगर बाहर क्षेत्र के कदम झरिया गाव में रहने वाली विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरवा समुदाय की महिला गुरुवती को प्रसव पीड़ा हाेने पर सोमवार देर रात स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। मौजूद नर्सों ने जांच के बाद गुरुवती को जिला मेडिकल कालेज रेफर कर दिया।
महतारी एक्सप्रेस102 से अजगर बाहर स्वास्थ्य केंद्र गुरुवती को जिला मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया गया। इस दौरान अधिक पीड़ा और EMT उपलब्ध नहीं होने के चलते महतारी एक्सप्रेस के ड्राइवर ने ही बीच रास्ते में गाड़ी पर ही गुरुवती की डिलीवरी करा दी।
लेकिन नवजात को सांस लेने में समस्या थी। जिला मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। जबकि इस मामले पर 102 महतारी के जिला प्रभारी रवि सिंह ने कहा कि रास्ते में प्रस्ताव होने के बाद नवजात शिशु को जिला मेडिकल कॉलेज में सुरक्षित भर्ती कर दिया गया था।
वहीं EMT और ऑक्सीजन पर उन्होंने बताया – शासन ने गाड़ी में ऑक्सीजन और EMT की सुविधा नहीं दी है। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से BMO डॉक्टर राज ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर और स्टाफ नर्स की भर्ती की गई है। जहां डॉक्टर 10 से 5 बजे तक रहते हैं, इस बीच स्टाफ नर्स ही प्रसव कराती हैं। वहीं गंभीर होने पर रेफर किया जाता है।