KORBA वसीम हत्या कांड: बोरी में टुकड़ों में मिली लाश पर बड़ा खुलासा, पहचान छिपाने लाश को टुकड़ों में काटकर डेम में फेंका, पैसों के लालच में हुई थी हत्या

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कोरबा जिले के गोपालपुर चौकी चैतमा के डेम से बोरी में कटे हुये कई टुकड़ों में मिली लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। दो वर्षों से सऊदी अरब में रह रहे मोहम्मद वसीम की हत्या पैसों के लालच में उसकी प्रेमिका और उसके प्रेमी ने मिलकर की थी।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार गत 10 जुलाई को सूचना मिली कि गोपालपुर चौकी चैतमा के डेम से बोरी में कई टुकड़ों अज्ञात व्यक्ति की लाश मिली है। मृतक की पहचान छिपाने के उद्देश्य से शव को धारदार हथियार से टुकड़ों में काट कर डेम में फेंक दिया गया था। सूचना पर थाना पाली में मर्ग क्रमांक 90/2024 पंजीबद्ध कर कार्यवाही पंचनामा में लिया गया।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी द्वारा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कटघोरा श्रीमती नेहा वर्मा, एसडीओपी कटघोरा पंकज ठाकुर, एफएसएल सीन ऑफ क्राईम युनिट कोरबा के प्रभारी सत्यजीत कोसरिया एवं थाना पाली/चौकी चैतमा सहित सायबर टीम को इस मामले का खुलासा करने के निर्देश दिए थे।

एसपी के निर्देश के बाद अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर कार्यवाही पंचनामा की गई। मृतक का शव दो बोरियों के साथ-साथ एक पिठठूनुमा बैग में गोपालपुर डेम से बरामद किया गया। शव के टुकड़ों के साथ मिले आधार कार्ड, पासपोर्ट एवं फ्लाईट टिकिट के आधार पर मृतक की पहचान मोहम्मद वसीम अंसारी पिता मो. जमीर अंसारी उम्र लगभग 26 साल निवासी कांतातोला, रांची, झारखण्ड के रूप में हुई।

सोशल मीडिया में चैट के दौरान हुई थी नाबालिग प्रेमिका से पहचान

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मोहम्मद वसीम पिछले दो वर्षों से सऊदी अरब में रह रहा था। मृतक के जुड़े पहलुओं की जांच पर यह तथ्य उजागर हुआ कि मृतक की सोशल मीडिया के माध्यम से ग्राम बांसटाल चैतमा, थाना पाली की एक अवयस्क बालिका से परिचय हुआ था, जो एक-दूसरे से चैटिंग करते रहते थे। अवयस्क बालिका और आरोपी रजा खान पिता अब्दुल सत्तार खान उर्फ बादशाह उम्र-20 वर्ष निवासी-बांसटाल, चैतमा, थाना-पाली, जिला कोरबा एक-दूसरे को चाहते थे।

अवयस्क बालिका द्वारा रजा खान को पूर्व प्रेमी मोहम्मद वसीम के सऊदी अरब से वापस आने की जानकारी बताई गई जिस पर यह सोचकर कि विदेश से आ रहा है तो काफी रुपये पैसे लेकर आ रहा होगा। इसी चाहत में मोहम्मद वसीम अंसारी एक जुलाई को फ्लाईट से दिल्ली और दिल्ली से रांची और दो तारीख को ट्रेन से बिलासपुर बुलाया। रजा खान द्वारा किराये पर उपलब्ध कराये गये बोलेरो वाहन में प्रेमिका बिलासपुर गई और वसीम को लेकर आरोपी रजा खान के घर आ गई।

प्लानिंग के अनुसार रात्रि करीब 11ः00 बजे आरोपी रजा खान की प्रेमिका और वसीम बातें कर रहे थे कि रजा खान ने पीछे से एक लोहे का कत्ता (मुर्गी काटने वाला) से वसीम अंसारी के गर्दन में पीछे से वार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। वसीम तड़पने लगा, प्रेमिका वसीम का पैर पकड़े थी और रजा खान ने ताबड़तोड़ वार कर सिर को धड़ से अलग कर दिया। फिर दोनों ने मिलकर वसीम के हाथ-पैर धड़ को टुकड़े-टुकड़े में कत्ता एवं आरी ब्लेड से काटकर अलग-अलग तीन प्लास्टिक बोरियों, पिठठू बैग एवं एक ट्रॉली बैग में ईट डालकर बांधकर बांगो डेम में फेंक दिया।

सबेरे हो जाने से शव के शेष बचे हिस्सों को घर में छिपाकर रखा था।लाश को ठिकाने लगाने के लिए रात्रि लगभग 11ः00 बजे स्प्लेंडर मोटर साइकिल से गोपालपुर डेम में फेंक कर घर वापस आ गये। मृतक वसीम द्वारा पहनी हुई सोने की चैन और अन्य सामान घर में छिपा दिया। प्रेमिका को मृतक के मोबाइल का पासवर्ड पता रहने से वसीम के मोबाइल के यूपीआई आईडी चेक करने पर खाते में 03 लाख रुपये थे जिसे अपने तथा कुछ अन्य खातों में ट्रांसफर कर प्रेमिका के लिए ज्वेलरी तथा अपने लिए मोबाइल व किराये बोलेरो का पेमेंट कर दिया।

हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद

पुलिस ने आरोपी रजा खान पिता अब्दुल सत्तार उर्फ बादशाह उम्र-20 वर्ष निवासी-बांसटाल, चैतमा, थाना-पाली, जिला कोरबा को गिरफ्तार कर उड़ीसा से ट्रांजिट रिमांड पर लाया जाकर आरोपी की निशादेही पर घटना में कत्ता, मोटर साइकिल एवं मृतक का मोबाइल जब्त किया गया। आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर प्रकरण की सहअभियुक्ता विधि से संघर्षरत बालिका की सामाजिक प्रास्थिति फार्म भरवाकर किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है।

उक्त कार्यवाही नगर पुलिस अधीक्षक दर्री रविंद्र कुमार मीना के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी पाली निरीक्षक चमन लाल सिन्हा, चौकी प्रभारी चैतमा चन्द्रपाल खाण्डे, विमलेश भगत, एएसआई पुरषोत्तम उइके, आरक्षक अनिल कुर्रे, आशीष साहू तथा सायबर टीम के प्रआर राजेश कंवर, चन्द्रशेखर पाण्डेय, आर. रवि चौबे, डेमन ओग्रे, बिरकेश्वर प्रताप सिंह, आलोक टोप्पो, सुशील यादव, महिला आर. सुशमा डहरिया एवं थाना पाली और चौकी चैतमा के कर्मचारियों की भूमिका सराहनीय रही.

 

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