इंदौर के सिलीकान सिटी निवासी गजानंद परिहार की हत्या का चौथा आरोपित अजीत चौहान भी पकड़ा गया। अजीत ने ही गजानंद का शव ठिकाने लगाया था। इसके बदले मुख्य आरोपित आशीष पंवार से पांच हजार रुपये मिले थे। आशीष ने फिल्म देखकर अपहरण और हत्या की साजिश की थी। डीसीपी जोन-1 विनोद कुमार मीना के मुताबिक गजानंद का आशीष से चार लाख 85 हजार रुपये का लेनदेन था।
आशीष (कैफे संचालक) रुपये मांगने के कारण परेशान था। उसने मुंहबोले साले धीरज और राहुल के साथ गजानंद को मारने का षड्यंत्र रचा। 24 अगस्त को आशीष को रुपयों के लिए बुलाया और कार से पातालपानी की तरफ ले गया। साजिश के मुताबिक रस्सी से गला घोंटा और गजानंद की हत्या कर दी। आरोपित कार की डिक्की में शव रखकर घूमते रहे।
फिर सिलीकान सिटी तक आए और रेलवे स्टेशन पर खड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस के बाथरूम में गजानंद का मोबाइल रखवा दिया। फिर शव को बंधाना के जंगलों में गाड़ दिया। बाहर निकलने का शक हुआ तो आरोपित कार लेकर फिर से शव को देखने भी गए। आशीष ने सिंघाना के अजीतसिंह चौहान की मदद ली और उससे कहा कि शव को ठिकाने लगाने में मदद करें।
कार में ले गए शव और फेंक दिया
आशीष ने अजीत को पांच हजार रुपये भी दिए। चारों आरोपित बोरे में भरा शव कार में डालकर ले गए और राजपुर थाना अंतर्गत फेंक दिया। टीआई राजपालसिंह राठौर के मुताबिक पुलिस ने बड़वानी पुलिस से मर्ग डायरी लेकर गुरुवार को चारों आरोपितों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया। गुरुवार को अजीत को गिरफ्तार कर लिया है।