नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने पहले तो नीट यूजी 2024 का रिजल्ट निर्धारित समय से 10 दिन पहले जारी करके चौंका दिया. इसके बाद कैंडिडेट्स रिजल्ट देखकर सदमे में आ गए.
स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर जर्बदस्त तरीके से वायरल हो रहा है. लोगों का पहला सवाल तो यही है कि 719 और 718 अंक कैसे मिल सकते हैं.स्टूडेंट्स का कहन है कि हर सवाल चार नंबर का होता है. गलत जवाब देने पर एक अंक कटते हैं मतलब निगेटिव मार्किंग होती है. अगर कोई छात्र सभी सवालों के सही जवाब देता है तो उसे 720 में से 720 अंक मिलेंगे. अगर एक सवाल छोड़ देता है तो 716 अंक मिलेंगे. जबकि यदि कोई एक सवाल गलत करता है तो उसे 715 अंक मिलेंगे. विशाखा सुमन नाम की कैंडिडेट को 719 और यश कटारिया को 718 अंक मिले हैं. ऐसा कैसे हुआ. इसके चलते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर #Neet_paper_रद्द_करो हैश टैग के साथ कई स्टूडेंट्स रिजल्ट में धांधली के आरोप लगा रहे हैं.
67 स्टूडेंट्स ने नीट यूजी 2024 रिजल्ट में पहली रैंक हासिल की है. इन सभी को 720 में से पूरे 720 अंक मिले हैं. साथ ही सीरियल नंबर 62 से लेकर 69 तक के नीट रोल नंबर एक ही सेंटर या आसपास के सेंटर से हैं
एनटीए के एक अधिकारी ने कहा कि सामान्यीकरण प्रक्रिया के कारण अधिक छात्रों ने उच्च अंक प्राप्त किए और इसलिए भी कि भौतिकी और रसायन विज्ञान के सेक्शन अपेक्षाकृत आसान थे और एनसीईआरटी की पुस्तकों के अनुसार थे. अधिकारी ने कहा कि यह समानता को संबोधित करने और कोचिंग माफिया को हतोत्साहित करने के लिए किया गया था. एक अन्य अभिभावक ने दावा किया कि समय की बर्बादी के कारण अनुग्रह अंकों का प्रावधान सूचना विवरणिका में निर्दिष्ट किया जाना चाहिए था, क्योंकि छात्र अतीत में इसका उपयोग कर सकते थे.
क्या कहा एनटीए ने?
एनटीए ने अपने बयान में कहा कि उन्हें 5 मई को आयोजित परीक्षा के दौरान समय की हानि की चिंता जताते हुए नीट उम्मीदवारों से कुछ अभ्यावेदन और अदालती मामले मिले हैं. राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि ऐसे मामलों/अभ्यावेदनों पर विचार किया और उम्मीदवारों द्वारा सामना किए गए समय की हानि को संबोधित करने के लिए 2018 के एक फैसले में शीर्ष अदालत द्वारा तैयार और अपनाए गए सामान्यीकरण सूत्र का पालन किया. समय की हानि का पता लगाया गया और ऐसे उम्मीदवारों को अनुग्रह अंकों के साथ मुआवजा दिया गया. इसलिए उनके अंक 718 या 719 भी हो सकते हैं.