अब नहीं चलेगी स्कूलों की मनमानी, 2018 से अब तक की बढ़ी फीस लौटाएंगे छह निजी स्कूल, कलेक्टर की सख्ती

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निजी स्कूलों में फीस और किताबों में हुए भ्रष्टाचार की जांच अंतिम चरण में छह निजी स्कूलों की फीस का मूल्यांकन किया। कलेक्टर ने 2018 से 2024-25अब तक बढ़ाई गई फीस को अमान्य कर दिया है। इनमें लिटिल वल्र्ड स्कूल कटंगा और तिलवारा, क्राइस्ट चर्च फॉर बॉयज एंड गल्र्ड (आईएससी), चैतन्य टेक्नो विद्यालय, ज्ञानगंगा आर्किड इन्टरनेशनल स्कूल, स्टेमफील्ड इंटरनेशनल स्कूल विजय नगर एवं क्राइस्ट चर्च घमापुर शामिल हैं।

किताबों की मुनाफाखोरी का मामला है। मनमानी फीस वृद्धि और किताबों में मुनाफाखोरी मामले में आरोपित न्यू राधिक बुक पैलेस के संचालकों की पुलिस रिमांड खत्म हो गई। रिमांड खत्म होने पर उन्हें दोबारा जेल भेज दिया गया है। इन निजी स्कूलों की बढ़ी फीस को अमान्य करने संबंधित आदेश जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी कर दिए हैं। साथ ही स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बढ़ी फीस की राशि अभिभावकों को तत्काल लौटाएं।

शेष पांच निजी स्कूलों की बढ़ी फीस को अमान्य करने और लौटाने संबंधित आदेश दो दिन के भीतर जारी हो सकता है। 11 में से छह निजी स्कूलों को 2018 से 2024-25 तक की फीस वापस करने संबंधित आदेश जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी कर दिए हैं। इन निजी स्कूलों को बढ़ी फीस अभिभावकों को लौटानी होगी। शेष पांच स्कूलों की भी जांच जल्द ही आ जाएगी।

जबलपुर के 240 से ज्यादा निजी स्कूलों में अधिकांश ने प्रशासन और राज्य सरकार को बिना जानकारी दिए फीस वृद्धि कर दी है। इनमें पहले चरण की जांच में 11 स्कूलों को लिया गया। फीस वृद्धि संबंधित नियम के मुताबिक स्कूलों को 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ाने की जानकारी अभिभावकों को देनी है।

10 से अधिक फीस बढ़ाने पर यह जानकारी जिला प्रशासन को देना अनिवार्य हैं। वहीं 15 प्रतिशत से अधिक फीस बढ़ोत्तरी की जानकारी राज्य सरकार को देना जरूरी है। इन निजी स्कूलों ने इसका पालन नहीं किया।

निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि को लेकर जिला प्रशासन ने एक बार फिर अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। प्रशासन ने 11 स्कूलों पर कार्रवाई के बाद 229 निजी स्कूलों से कहा है कि वे 2018 से अभी तक फीस वृद्धि का मूल्यांकन खुद करें। ऐसा न करने वाले स्कूलों का फीस मूल्याकंन प्रशासन करेगा।

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