पेपर लीक की काली कमाई से बनाई अकूत संपत्ति, एसटीएफ की जांच में हुए चौंकाने वाले खुलासे

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा का बयान आखिरकार दर्ज कर लिया गया है। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम मेरठ जेल पहुंची और पेपर लीक मामले में पूछताछ की।

राजीव ने बताया कि जब वह सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लेने गया था, तब उससे मधुबनी, बिहार निवासी सुभाष प्रकाश से बातचीत हुई थी। इसके बाद सुभाष ने परीक्षा से एक दिन पहले उसे आरओ/एआरओ का पर्चा मुहैय्या करवाया था। राजीव ने बांदा के रिसार्ट में पेपर का उत्तर रटवाने समेत कई अन्य बातें भी बताईं।

मुकदमे के विवेचक इंस्पेक्टर ने जब उससे गिरोह में शामिल सदस्यों की भूमिका के बारे में सवाल किया तो काफी देर तक टालमटोल करता रहा। बाद में कुछ सदस्यों के बारे में बताया और कहा कि उन्हें अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी। वह पैसा लेकर काम करते थे और कई जानकारियां उनसे साझा नहीं की जाती थीं।

एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि जेल में बंद राजीव नयन ने आरओ/एआरओ पेपर लीक के मामले में कई और युवकों का नाम लिया है। अब उसके बयान के आधार पर बाकी लोगों पर कानूनी शिकंजा कसने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही मुकदमे में वांछित चल रहे सुभाष प्रकाश की गिरफ्तारी के लिए प्रयास तेज किए जाएंगे।

एसटीएफ का कहना है कि राजीव नयन पहले भी कई परीक्षाओं में सेंध लगा चुका है। उसने पेपर लीक के जरिए काफी पैसा कमाया है और उसी पैसे से भोपाल में एक मकान भी खरीदा है। एसटीएफ की टीम उसकी संपत्तियों के बारे में पता लगाते हुए आगे की कार्रवाई करने की कवायद शुरू कर दी है। राजीव की तरह सुभाष ने भी कई शहरों में करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी बनाई है।

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