दुर्ग- जिले के पाटन क्षेत्र में गौ तस्करी के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें पुलिस विभाग के ही एक सिपाही की संलिप्तता सामने आई है। इस घटना में पाटन थाना के आरक्षक डिलेश्वर पठारे पर आरोप है कि उसने गौ तस्करों को पुलिस की रेड की सूचना पहले ही दे दी, जिसके चलते आरोपी मौके से फरार हो गए।
घटना 10 सितंबर की है, जब पुलिस ने गौ तस्करी की सूचना पर एक फॉर्म हाउस में छापा मारा। लेकिन, पुलिस के वहां पहुंचने से पहले ही सिपाही डिलेश्वर पठारे ने तस्करों को रेड की जानकारी दे दी थी, जिससे वे वहां से भागने में सफल रहे।
वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद सिपाही डिलेश्वर पठारे के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया और उसे जेल भेज दिया गया है। इस केस में मुख्य आरोपी संजय गिरी गोस्वामी बताया जा रहा है, जिसके फॉर्म हाउस से मवेशियों को ट्रक में भरकर कत्लखाने भेजने की तैयारी थी।
जांच के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी संजय गिरी गोस्वामी और सिपाही डिलेश्वर पठारे के बीच गहरी सांठगांठ थी। सिपाही की भूमिका की पुष्टि कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की एनालिसिस के बाद हुई, जिसमें स्पष्ट हुआ कि पठारे ने ही तस्करों को रेड की सूचना दी थी। पुलिस ने आरोपी सिपाही को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा है, जबकि मुख्य सरगना संजय गिरी गोस्वामी अभी फरार है, और उसकी तलाश जारी है।