इंदौर– सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध होने के चक्कर में अश्लील वीडियो शूट करवाने वाली युवती को लेकर बुधवार को पूरे शहर में आक्रोश रहा। कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इसे इंदौर की संस्कृति और सभ्यता को ठेस पहुंचाने वाला बताते हुए कहा कि जिला प्रशासन और ऐसे मामलों में कार्रवाई करना चाहिए।
देश में हर व्यक्ति को अपने हिसाब से जीवन जीने की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं कि कोई भी कुछ भी करने लगेगा। शहर में लगातार हो रहे विरोध के बाद बुधवार शाम युवती ने एक वीडियो जारी कर शहर की जनता से माफी मांग ली। सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर युवती ने कहा है कि मुझे महसूस हो रहा है कि मैंने गलत किया है।
मुझे सार्वजनिक स्थान पर ऐसे कपड़े नहीं पहनना चाहिए थे। मैं सार्वजनिक स्थान पर ऐसा दोबारा नहीं करूंगी। जो भी मेरे वीडियो से आहत हुए हैं उनसे मैं माफी मांगती हूं।
यह है पूरा मामला
मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक युवती का वीडियो वायरल हुआ था।
इसमें इंदौर की स्कीम-78 निवासी युवती मेघदूत चौपाटी पर अंत:वस्त्रों में नजर आ रही है।
युवती ने इंस्टाग्राम पर अपलोड किया और उस पर ”पब्लिक रिएक्शन” लिखा।
वीडियो सोमवार रात का बताया गया।
वीडियो में ही कईं लोग शर्म के मारे नजर झुकाते नजर आ रहे हैं।
महिलाओं और बच्चों के साथ आने वालों को रास्ता बदलना पड़ रहा है।
मां अहिल्या मंच ने पुलिस आयुक्त को दिया ज्ञापन
इंदौर में वीडियो वायरल होने के बाद बुधवार दोपहर मां अहिल्या मंच ने पुलिस आयुक्त राकेश गुप्ता को ज्ञापन सौंपा।
इसमें मंच ने कहा है कि इंदौर अपनी शालीन सभ्यता से पहचाना जाता है।
संस्कृति व सभ्यता अन्तर्गत गरिमायुक्त आचरण की अपेक्षा सभी जनसाधारण से रखी जाती है चाहे वह स्त्री हो या पुरुष।
यह अत्यंत वेदनादायक है कि सोशल मीडिया का गुलाम युवा कम समय में ज्यादा फाॅलोअर बनाने के चक्कर में गरिमा की हद पार कर रहे हैं।
सार्वजनिक स्थान पर इस तरह अभद्र वस्त्रों में घूमना शहर के सभ्य वातावरण के लिए अपेक्षित नहीं है।
शहर के वातावरण को दूषित करने वालों के खिलाफ इंडिसेंट रिप्रसेंटेशन आफ ह्यूमन प्रोहिबिटेशन एक्ट अंतर्गत धारा 3,4 व 6 के तथा आइटी अधिनियम की धारा 67 के तहत उचित कार्रवाई की जाए।