जेल में कैदियों को मिलेगा ऑनलाइन इलाज, जानिए क्यों फरार होने की घटनाओं पर लगेगी लगाम?

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बैतूल जिला जेल में बंदियों को अब जेल परिसर में ही इलाज की सुविधा मिल सकेगी. ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से जिला अस्पताल के डॉक्टर ऑनलाइन बंदियों का चेकअप कर दवा लिखेंगे. इससे बंदियों को अस्पताल तक आने-जाने की परेशानी नहीं होगी और जेल प्रशासन पर भी बोझ कम होगा.

साथ ही, बंदियों के फरार होने की घटनाओं पर भी लगाम लगेगी. बता दें कि यह व्यवस्था हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शुरू की गई है. जेल में 32 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है जो रोटेशन के हिसाब से बंदियों का ईलाज करेंगे.

अब बैतूल जिले की जिला जेल में बंदियों को ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से टेलीमेडिसिन की सुविधा मिलेगी. जेल में बंद कैदियों को इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा. सामान्य बीमारी की स्थिति में ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से जिला अस्पताल के एमबीबीएस डॉक्टर कैदियों की ऑनलाइन चैकअप कर उन्हें परामर्श देंगे और दवाएं लिखेंगे.

ई-संजीवनी पोर्टल शुरू होने से कैदियों को अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा. खास बात ये है कि पुलिस बल उपलब्ध नहीं होने के कारण बीमार कैदियों को अस्पताल ले जाने में होने वाली देरी से भी बचा जा सकेगा.

गौरतलब है कि कई बार कैदी बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल जाते थे और फिर मौका मिलते ही भाग जाते थे. इसलिए इससे कैदियों के भागने की घटनाओं पर अंकुश लगेगा. वर्तमान में जिला जेल में 475 कैदी हैं और उनकी सुरक्षा के लिए जेल में केवल 29 प्रहरी तैनात हैं. ऐसे में जेल प्रशासन को कैदियों को इलाज के लिए अस्पताल भेजने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर यह व्यवस्था शुरू की गई है. बैतूल जिला जेल में ई-संजीवनी पोर्टल पर कैदियों के इलाज के लिए जिला अस्पताल के 32 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है, जो रोटेशन के अनुसार ई-संजीवनी पोर्टल के माध्यम से कैदियों की सामान्य बीमारियों का इलाज करेंगे.

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