रक्षाबंधन पर भस्म आरती में भगवान महाकाल को सबसे पहले बांधी गई राखी, देखिये Video…

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ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावणी पूर्णिमा पर सोमवार को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। रविवार-सोमवार की मध्यरात्रि 2.30 बजे भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी बांधी गई। इसके बाद भगवान को सवा लाख लड्डू का महाभोग लगाकर आरती की गई। भक्तों को दिनभर लड्डू महाप्रसादी का वितरण होगा।

ज्योतिर्लिंग की पूजन परंपरा में श्रावण मास के दौरान भस्म आरती करने वाले पुजारी परिवार द्वारा भगवान महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया जाता है। इस बार शासकीय पुजारी पं.घनश्याम शर्मा, पं.आशीष पुजारी, पं.संजय पुजारी, पं.विकास पुजारी के परिवार द्वारा भस्म आरती की गई। उन्हीं के द्वारा भगवान को महाभोग लगाया गया।

  • महाकाल मंदिर पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान के लिए विशेष  राखी तैयार की थी।
  • रविवार-सोमवार की दरमियानी रात 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट भक्‍तों के लिए खोले।
  • इसके बाद पुजारियों द्वारा भगवान का महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन किया गया।
  • पूजन के बाद भगवान महाकाल का सोने, चांदी के आभूषणों से विशेष शृंगार किया गया।
  • इसके बाद महकाल मंदिर पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को राखी बांधी।
  • राखी बांधने के बाद भगवान को सवा लाख लड्डू का महाभोग लगाकर आरती की जाएगी।

राखी बांधने के शुभ मुहूर्त

  • दोपहर 1.30 से 3 बजे तक चंचल
  • दोपहर 3.00 से शाम 4.30 बजे तक लाभ
  • शाम 4.30 से शाम 6.00 बजे तक अमृत
  • शाम 6.00 से शाम 7.00 बजे तक गोधूलि वेला

श्रावण मास की आखिरी सवारी आज

श्रावण मास में सोमवार को भगवान महाकाल की पांचवीं सवारी निकलेगी। यह श्रावण मास की आखिरी सवारी है। इसके बाद 26 अगस्त को भादौ मास की पहली तथा 2 सितंबर को श्रावण-भादौ मास की शाही सवारी निकलेगी। श्रावण मास की आखिरी सवारी में भक्तों को भगवान महाकाल के होल्कर मुखारविंद के दर्शन होंगे। इस सवारी में मुख्यमंत्री डा.मोहन यादव भी शामिल होंगे। महाकालेश्वर मंदिर से शाम 4 बजे परंपरा अनुसार शाही ठाठ बाट से सवारी की शुरुआत होगी।

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