तो दांव-पेंच खेलेगी सपा और कांग्रेस, उपचुनाव को लेकर दोनों दलों के नेता दे चुके हैं संकेत

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विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों को लेकर भाजपा कमर कस चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए 30 मंत्रियों की जिम्मेदारी तय कर दी है तो संगठन भी पूरी तरह सक्रिय हो गया है। विपक्षी खेमा भी उपचुनाव को लेकर पूरी तरह से सक्रिय है।

लोकसभा चुनाव परिणामों से उत्साहित कांग्रेस व सपा का उपचुनाव में भी गठबंधन रहेगा। दोनों ही दल के नेता इसके साफ संकेत दे चुके हैं। उत्तर प्रदेश में अपनी खोई जमीन तलाशने में जुटी कांग्रेस भी उपचुनाव में भाजपा के हिस्से वाली सीटों पर पंजा लड़ाने की तैयारी में है।

दोनों दलों के बीच जल्द सीटों का बंटवारा होने की उम्मीद है, जिससे दोनों ही दल उनके हिस्से आई सीटों पर अपनी गतिविधियां बढ़ा सकें। उत्तर प्रदेश में विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए को और मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस हरियाणा व महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में सपा को हिस्सेदारी देने को भी तैयार है।

यूपी में 10 सीटों में किसकी कितनी भागीदारी होगी, इसे लेकर दोनों दलों के बीच बातचीत चल रही है। जिस पर अंतिम मुहर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच बातचीत के बाद ही लगेगी। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से हाथ मिलाकर बढ़ी सपा 37 सीटें जीतकर देश में तीसरे नंबर की पार्टी बनी है।

इतनी लंबी छलांग लगाने के बाद सपा यूपी में अपनी जमीन बनाए रखने के साथ ही दूसरे राज्यों में भी अपने विस्तार को लेकर उत्साहित है। भाजपा ने जिस तरह उपचुनाव को लेकर अपनी तैयारियां तेज की हैं और पूरे जोर-शोर से सभी 10 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य लेकर बढ़ रही है, उसने विपक्षी दलों में भी हलचल बढ़ा दी है।

कांग्रेस भी प्रदेश में लगातार अपनी सक्रियता बढ़ा रही है और उपचुनाव के माध्यम से कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने का प्रयास करेगी। सपा भी अपनी सीटों को बचाए रखने के लिए पूरा जोर लगाएगी।

प्रदेश में जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है, उनमें पांच सीटें करहल, कटेहरी, मिल्कीपुर, कुंदरकी व सीसामऊ सपा के पास थीं। जबकि खैर, गाजियाबाद व फूलपुर भाजपा के पास थीं। मझवां निषाद पार्टी व मीरापुर रालोद के पास थी।

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