कुंडीपूरा थाना क्षेत्र के पातालेश्वर वार्ड-19 में मोबाइल गेम एक छात्र के लिए जानलेवा हो गया। मोहल्ले में छात्र ने मोबाइल पर फ्री फायर गेम खेलते खेलते फांसी लगाकर जान दे दी। इससे पहले भी मोबाइल गेम की वजह से कई नाबालिग अपनी जान ले चुके हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मोबाइल गेम खेलते हुए अक्सर युवा टास्क पूरा न कर पाने की वजह से अवसाद में आ जाते हैं और ऐसा कदम उठा बैठते हैं। यह घटना भी इसी से मिलती जुलती बताई जा रही है।
विद्यानिकेतन स्कूल के 10वीं का छात्र भाग्य पिता दिलीप यादव ने स्कूल के होमवर्क के लिए अपने पिता से मोबाइल फोन खरीदने की बात की थी, जिसके बाद मृतक भाग्य के पिता ने उसे 10 हजार का फोन खरीद दिया था, लेकिन भाग्य ने उसमें फ्री फायर गेम डाउनलोड कर दिनभर उसी में रुचि दिखाने लगा था।
ऐसे में रविवार को सुबह 11 बजे वह मोहल्ले में गेम खेलते-खेलते अचानक दौड़ता हुआ अपने घर पहुंच गया। जहां उसने एक कपड़े की मदद से फांसी का फंदा बनाकर मौत को गले लगा लिया। मृतक के दोस्त जब सुबह 12 बजे उसके घर उसे क्रिकेट खेलने के लिए बुलाने पहुंचे तो उन्होंने देखा कि वह फांसी के फंदे पर लटका हुआ है। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं नाबालिग ने किन कारणों से मौत को गले लगाया है इन पहलुओं पर जांच की जा रही है।
लड़की से आईडी में बात करता था नाबालिग
नाबालिग द्वारा फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला तो समाप्त कर ली गई है, लेकिन इस घटना के बाद एक नया पहलू दोस्तों के द्वारा सामने आया है। दरअसल मृतक भाग्य यादव के दोस्तों ने बताया है कि वह फ्री फायर गेम रोजाना ही खेलता था, जिसमें उसे एक लड़की की आईडी मिली थी, जबकि घटना से 2 दिन पहले ही वह आईडी में किसी लड़की से बात करता था।
दोस्तों से पूछता था की फांसी कैसे लगाते हैं, जब दोनों ही दोस्तों ने इस विषय में उसे जानकारी नहीं दी तो रविवार की सुबह 11 बजे नाबालिग घर पहुंचा और फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। फिलहाल पुलिस द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर, मृतक नाबालिक के दोस्तों एवं आस पड़ोस से इस विषय में पूछताछ कर रही है। वहीं नाबालिग का मोबाइल भी पुलिस ने जब्त कर लिया है। मोबाइल को साइबर के माध्यम से मौत का खुलासा करने की बात कही है। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच में लिया है।