मालवा-निमाड़ अंचल में हुई बरसात के कारण रविवार दोपहर शिप्रा नदी में उफान आ गया। इससे उज्जैन में रामघाट के कई मंदिर सहित छोटा पुल पानी में डूब गया। नदी किनारे खड़ी चार कारें पानी में बह गई, जिन्हें लोगों ने काफी मशक्कत कर बाहर निकाला।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बताया कि देवास के ऊपरी हिस्से में तेज बरसात होने से देवास बैराज के गेट शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि खोले गए थे। इससे रविवार दोपहर 1.30 बजे शिप्रा उफनी और रामघाट के मंदिर और छोटा पुल डूब गया। अचानक पानी बढ़ते देख घाट पर अफरा-तफरी मच गई।
लोगों ने बताया कि नदी में पानी बढ़ने वाला है इसकी पूर्व सूचना घाट क्षेत्र के लोगों को नहीं दी गई। घाट खाली करने को कोई सायरन भी नहीं बजाया। नतीजतन नदी किनारे रखी चार कार पानी में बह गई। कुछ लोगाें ने काफी मशक्कत कर सभी कार पानी से बाहर निकाली।
इधर, बरसात की वजह से शहर में जल आपूर्ति का मुख्य केंद्र गंभीर बांध जलाशय में भी पानी बढ़ने लगा। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बताया कि जलाशय में सुबह 302 मिलियन क्यूबिक फीट (एमसीएफटी) पानी था, शाम को 315 एमसीएफटी पानी था।
उज्जैन में पांच दिन से सूखा
उज्जैन शहर में पांच दिन से सूखा पड़ा है। यहां बरसात के लिए अब लोगों को पूजा-प्रार्थना करना पड़ रही है। शुक्रवार दोपहर उज्जैन में काले घने बादल छाए मगर बरसे नहीं। जीवाजी वेधशाला के अनुसार इस सीजन में अब तक 179 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है। वर्षाकाल 30 सितंबर तक माना गया है और उज्जैन की औसत वर्षा 906 मिलीमीटर है। मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी कर सोमवार को हल्की बरसात का अनुमान जताया है।
बारिश के मौसम में ही जल संकट
वर्षा का मौसम है और उज्जैन में जल संकट विद्यमान है। एक अप्रैल से निरंतर अब भी शहर के लोगों को एक दिन छोड़ कर घरेलू उपयोग के लिए पानी नगर निगम से उपलब्ध हो रहा है। इससे लोग परेशान हैं। कलेक्टर कार्यालय, भू-अभिलेख शाखा के अनुसार उज्जैन जिले में अब तक इस सीजन में 167.2 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है। ये गत वर्ष से कम है।
उज्जैन में अब तक बारिश
रिपोर्ट के अनुसार अभी तक उज्जैन तहसील में 105 मिमी, घट्टिया में 182, खाचरौद में 79, नागदा में 254, बड़नगर में 209, महिदपुर में 168, झारड़ा में 139, तराना में 195.9 और माकड़ोन तहसील में 173 मिमी वर्षा हो चुकी है। गत वर्ष इसी अवधि में उज्जैन तहसील में 182 मिमी, घट्टिया में 183.8, खाचरौद में 272, नागदा में 421, बड़नगर में 302, महिदपुर में 258, झारड़ा में 267, तराना में 487.9 और माकड़ोन तहसील में 222 मिमी वर्षा हुई थी। भूजल सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट के अनुसा अभी उज्जैन जिले में भूमिगत पानी जमीनी सतह से 15.64 मीटर नीचे है।