झारखंड के रांची में एक महिला के साथ गैंगरेप और उसकी बेरहमी से हत्या के आरोप में कोर्ट ने आरोपियों को अंतिम सांस तक जेल में रहने और 60- 60 हजार रुपए का जुर्माना देने की सजा सुनाई है. महिला की हत्या 2021 में हुई थी. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक महिला को अपने पूर्व परिचित दो लोगों से ₹2000 कर्ज मांगना इतना महंगा पड़ गया कि उसकी हत्या कर दी गई.
आरोपियों को पहले तो महिला को मदद करने के नाम पर मोटरसाइकिल पर बैठाया और फिर सुनसान जंगल में ले जाकर उसके साथ मिलकर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. पकड़े जाने के डर से आरोपियों ने महिला की बेरहमी से हत्या कर दी और सबूत छिपाने के मकसद से मोटरसाइकिल से पेट्रोल निकाल कर उसे पर छिड़क कर उसकी लाश को जला दिया था.
कब हुई थी हत्या?
झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 30 किलोमीटर दूर बुंडू इलाके के दशम फॉल थाना क्षेत्र के हेसापीढ़ी कोलाबुरु जंगल में 20 फरवरी 2021 को महिला की जली हुई लाश बरामद होने से सनसनी मच गई थी. पूरे मामले के लिए एसआईटी टीम का गठन किया गया. जांच में मृतक महिला की पहचान कौशल्या देवी के रूप में की गई थी.
जांच में पता चला था कि महिला बुंडू स्थित बैंक से पैसा निकालने गई थी. हालांकि कुछ कारणों से बैंक से पैसा नहीं निकला था. इसके बाद उसने अपने पूर्व परिचित लक्ष्मण मुंडा और सुखलाल मुंडा को फोन कर ₹2000 कर्ज के रूप में देने की मदद की मांग की थी. लक्ष्मण मुंडा पैसे देने के लिए तैयार हो गया और उसने महिला को झांसे में लेते हुए कहा कि पैसा उसके घर पर है उसे घर चलना होगा. ऐसे में महिला उनकी बातों में आ गई.
बेरहमी से गर्दन काट कर दी हत्या
लक्ष्मण मुंडा और सुखलाल मुंडा ने महिला दशम फॉल थाना क्षेत्र अंतर्गत हेसापीढ़ी कोलाबुरु गांव के सुनसान जंगल में ले गए जहां पहले से उनके सहयोगी राम मुंडा और संजय टूटी मौजूद थे. इसके बाद सभी आरोपियों ने मिलकर महिला के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था और फिर पकड़े जाने के दर से महिला की बेरहमी से गर्दन काट कर हत्या की थी फिर उसके शव को एक गड्ढे में फेंक दिया और अपनी ही मोटरसाइकिल से पेट्रोल निकाल कर उसकी लाश को जला दिया.
तीनों आरोपियों को दोषी का दिया करार
मामले में दशम फॉल थाना की पुलिस ने हेसापीढ़ी गांव के रहने वाले तीन आरोपियों को विभिन्न तकनीकी पहलुओं और बरामद साक्क्ष के आधार पर गिरफ्तार किया था. इसी मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने 7 फरवरी को तीनों आरोपियों को दोषी करार दिया था , जबकि एक चौथे आरोपी लक्ष्मण मुंडा की मौत ट्रायल के दौरान ही हो गई है. महिला से सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने और साक्क्ष छुपाने के लिए शव को जलाने के मामले में अपर न्यायायुक्त अमित शेखर की अदालत ने तीनो दोषी रामचंद्र मुंडा, सुखलाल मुंडा और संजय टूटी को अंतिम सांस तक उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ ही साथ तीनों आरोपियों पर 60-60 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना की राशि मृतका के पुत्रों को देने का आदेश दिया है. साथ ही डालसा को मृतका के पुत्रों को विक्टिम कंपनसेशन दिलाने का भी निर्देश दिया है.
60-60 हजार रुपए का लगाया जुर्माना
मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एपीपी सिद्धार्थ सिंह ने ठोस साक्ष्य के साथ बहस करते हुए जघन्य अपराध बताया. साथ ही तीनों आरोपियों को , जघन्य अपराध के लिए अधिकतम सजा ए मौत की सजा देने की मांग की थी. मामले में अपर न्यायायुक्तअमित शेखर की अदालत में तीनों दोषियों को जघन्य अपराध के लिए अंतिम सांस तक उम्र कैद की सजा सुनाई है साथ ही तीनों पर 60-60 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है.