किराया ज्यादा होने से नहीं मिल रहे यात्री, अब सिर्फ आठ कोच के साथ चल रही दुर्ग-विशाखापत्तनम वंदेभारत

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रायपुर- पिछले साल सिंतबर 2024 से शुरू हुई दुर्ग-विशाखापत्तनम वंदेभारत एक्सप्रेस का कोच कम कर दिया गया है। पहले 16 कोच के साथ यह ट्रेन दौड़ रही थी, लेकिन केवल 30 से 35 प्रतिशत सीटों की बुकिंग होने के कारण रेलवे को रोज लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा था।

लिहाजा बोर्ड के आदेश पर आठ कोच कम कर दिए गए। अब केवल आठ कोच के साथ यह ट्रेन यात्रियों को लेकर शुक्रवार से दौड़ने लगी है। रेलवे मंडल के अधिकारियों ने बताया कि पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिलने से रेलवे को ऑपरेशन कास्ट भी हासिल नहीं हो पा रही थी।

आने वाले दिनों में स्कूल-कॉलेज की परीक्षा शुरू होने के कारण यात्रियों का और टोटा होगा। इसे देखते हुए रेलवे ने दुर्ग-विशाखापत्तनम के साथ देश के अन्य राज्यों में चल रही अन्य वंदेभारत एक्सप्रेस के संचालन की समीक्षा करने के बाद नए वर्ष में घाटे वाले रूट की ट्रेनों के कोच कम कर चलाने का फैसला लिया है।

नई रैक अयोध्या से दुर्ग पहुंची

दुर्ग-विशाखापत्तनम वंदे भारत एक्सप्रेस को शुरू से ही पर्याप्त संख्या में यात्री नहीं मिल रहे थे। एक्सप्रेस ट्रेनों के मुकाबले इसका किराया भी ज्यादा है, इसलिए करीब 70 प्रतिशत सीटें खाली जा रही हैं। ऐसे में इस रूट पर वंदे भारत चलाना घाटे का सौदा साबित हो रहा है, इसलिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखकर कोच की संख्या कम करने का सुझाव दिया।

बोर्ड ने इसकी मंजूरी देते हुए वंदे भारत की आठ कोच वाली रैक अयोध्या से दुर्ग भेजी। रेलवे सूत्रों की माने तो रैक पुरानी है। आनंद विहार और अयोध्या के बीच चल रहे आठ डिब्बों को यहां भेजा गया है।

564 यात्री कर सकेंगे सफर

वंदे भारत एक्सप्रेस में रूट और यात्रियों की संख्या के आधार पर आठ, 16 या 20 कोच हो सकते हैं। 16 कोच में 1128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। आठ कोच में 564 यात्री सफर कर सकेंगे। ऐसे में रेलवे को यह ट्रेन भारी पड़ रही है, क्योंकि इस ट्रेन को लेकर यात्रियों में कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। इसकी बड़ी वजह महंगा किराया है। ऐसे में दोनों तरफ से वंदे भारत को ज्यादा यात्री नहीं मिल रहे हैं।

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