बीजापुर ऑपरेशन पर नक्सलियों की अपील: ‘कार्रवाई रोकी जाए, शांति वार्ता का मौका मिले’

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बीजापुर- छत्तीसगढ़ और तेलंगाना सीमा पर चल रहे देश के सबसे बड़े नक्सल विरोधी ऑपरेशन के बीच नक्सलियों ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। नक्सल संगठन की ओर से उत्तर पश्चिम बस्तर ब्यूरो के प्रभारी ‘रूपेश’ ने प्रेस नोट जारी कर सैन्य अभियान को तत्काल रोकने की अपील की है और शांति वार्ता के लिए आगे आने की बात कही है।

नक्सलियों का यह बयान ऐसे समय आया है जब पिछले चार दिनों से ऑपरेशन लगातार जारी है और सुरक्षाबलों ने अब तक पांच नक्सलियों को ढेर किया, जिनमें तीन महिला नक्सली PLGA बटालियन नंबर 1 की थीं। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।

ऑपरेशन में जवानों की हालत बिगड़ी

इस अभियान में 40 से ज्यादा जवान भीषण गर्मी में डिहाइड्रेशन का शिकार हो चुके हैं, जिन्हें हेलिकॉप्टर से भद्राचलम अस्पताल पहुंचाया गया है। ऑपरेशन में एक जवान के घायल होने की भी खबर है।

MI-17 हेलिकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी

ऑपरेशन में वायुसेना के MI-17 हेलिकॉप्टर और ड्रोन से निगरानी की जा रही है। जवानों को हवा के रास्ते से रसद और मेडिकल सपोर्ट भेजा जा रहा है। अभियान पर तीन राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की सीधी नजर बनी हुई है।

कररेगुट्टा और नीलम सराय पहाड़ी बना निशाना

जवानों का फोकस फिलहाल कररेगुट्टा और नीलम सराय की पहाड़ियों पर है, जहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।

पांच हजार जवानों की घेराबंदी

छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र की सीमाओं पर करीब 5 हजार जवानों ने रणनीतिक घेराबंदी की है। हिड़मा, देवा, दामोदर जैसे बड़े नक्सली नेताओं के साथ करीब 300 नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना है।

क्या वार्ता की अपील रणनीति है या दबाव में लिया गया कदम?

नक्सलियों की ओर से आई यह वार्ता की अपील कई सवाल खड़े कर रही है। क्या यह सच में शांति की ओर कदम है या जवानों की घेरेबंदी और दबाव के चलते लिया गया रणनीतिक निर्णय? फिलहाल ऑपरेशन जारी है और सुरक्षाबल स्थिति पर पूरी तरह नियंत्रण बनाए हुए हैं। आने वाले कुछ घंटे इस पूरे अभियान की दिशा तय कर सकते हैं।

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