मासूम विनायक की खुली किस्मत, कचरे के ढेर में मिला था, अब अमेरिका में पलेगा; कंपनी के CEO ने लिया गोद

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उत्तर प्रदेश के लखनऊ में चरितार्थ होते देखा गया. तीन साल पहले कचरे के ढेर में बच्चे के रोने की आवाज़ सुनकर लोगों ने एक नवजात को शिशु संरक्षण गृह पहुंचाया था. अब इस बच्चे को एक अमेरिकी दंपति गोद लेंगे.

बच्चा किसका था, जानने का प्रशासन ने बहुत प्रयास किया. लेकिन कुछ पता नही चला और बच्चा लखनऊ के शिशु संरक्षण गृह में पलने लगा. यहीं पर उसे नाम दिया गया “विनायक”. अब ये नाम का असर है या बच्चे की तक़दीर कि गणपति की कृपा इस बच्चे पर हुई और बच्चा एक अमेरिकी दंपति को भा गया.

दंपति को पहले से एक बेटा है

एक एनआरआई जोकि अमेरिका में एक बड़ी कंपनी में सीईओ हैं, इस बच्चे को गोद लेने की सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर चुके हैं.अपनी पत्नी के साथ वो कई बार लखनऊ आ चुके हैं. परिवार काफी सम्पन्न है और पहले से उनका एक बेटा है.

डीपीओ राजेश कुमार ने बताया कि दंपति की इच्छा के बाद सारी कागज़ी कार्रवाई पूरी कर ली गई है. अब पासपोर्ट भी लगभग तैयार है. एडीएम के यहां बच्चे को गोद लेने संबंधी कार्रवाही में भी दम्पति मौजूद था. पिछले कुछ महीनो में दम्पति कई बार लखनऊ आ चुका है. वो लोग इस बच्चे के माता-पिता बनने को इच्छुक हैं.

आखिर क्यों बच्चे को लिया गोद?

एनआरआई दम्पति ने प्रशासन को बताया कि उनके सामने एक और बच्चा करने का विकल्प था. लेकिन उन्होंने तय कर रखा था कि वो एक ऐसे बच्चे को ही गोद लेंगे, जिसको उनकी जरूरत है. वो एक अनाथ बच्चे को मां-बाप के प्यार के साथ एक अच्छा भविष्य भी देना चाहते हैं. अगले हफ़्ते विनायक अपने मां बाप के साथ अमेरीका रवाना हो जाएगा.

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