बीजापुर- पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की बहुप्रचारित मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता और भ्रष्टाचार सामने आया है। बीजापुर जिले के उसूर विकासखंड स्थित सोढीपारा प्राथमिक विद्यालय का भवन 16 लाख 10 हजार रुपये की लागत से बना था, लेकिन कुछ ही महीनों में इसकी दीवारों में दरारें पड़ने लगी हैं। स्थानीय लोगों में डर है कि यह अधूरा भवन किसी भी वक्त ढह सकता है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर स्कूल भवनों के जीर्णोद्धार और अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिए करीब 2,000 करोड़ रुपये की योजना लागू की गई थी। इस योजना के तहत बीजापुर जिले में 58 नए स्कूल भवनों के लिए लगभग 9.30 करोड़ रुपये जारी किए गए थे। परंतु जमीनी स्तर पर काम में भारी लापरवाही और गड़बड़ी की बात सामने आई है।
दरारों से भरा नया स्कूल भवन
ठेकेदार जय प्रकाश सिंह द्वारा निर्मित सोढीपारा स्कूल भवन आधा अधूरा बनाकर विभाग से भुगतान भी ले लिया गया। लेकिन निर्माण की गुणवत्ता इतनी खराब रही कि एक साल के भीतर ही भवन की दीवारें फटने लगीं। स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल की हालत देखकर बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता है।
शीट से बने कमरे, पक्के भवन की राशि हजम
निर्देशानुसार पक्के भवन बनने थे, लेकिन ठेकेदार ने शीट से बने अधूरे कमरे बनाकर लाखों रुपये की सरकारी राशि डकार ली। विभागीय इंजीनियरों की संलिप्तता भी उजागर हो रही है, जिन्होंने अपूर्ण भवनों को पूर्ण बताकर फाइलें क्लोज कर दीं।
वेंटिलेशन का भी घोटाला
स्कूल भवनों की छत पर चार टर्बो वेंटिलेटर पंखे लगने थे ताकि गर्मी में वेंटिलेशन बना रहे, लेकिन एक भी पंखा नहीं लगाया गया। बताया जा रहा है कि ठेकेदार और इंजीनियर ने मिलकर यह राशि भी हड़प ली।
जिम्मेदारों की चुप्पी
जब इस पूरे मामले में ठेकेदार, विभागीय अधिकारी और इंजीनियर से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो किसी ने भी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जिला शिक्षा अधिकारी एल.एल. धनेलिया ने कहा कि उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिल रही है। यदि निर्माण में गड़बड़ी पाई गई तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।