रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग जरिए राज्य के मंत्रियों से किए चर्चा

12

जशपुरनगर– केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग जरिए खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा रेल परियोजना विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी। यह 5वीं और 6वीं रेल परियोजना होगी, जिसकी लागत 8 हजार 741 करोड़ रूपए है। इसके रूट की लम्बाई 278 किमी और ट्रैक की लम्बाई 615 किमी है। इससे 21 स्टेशन जुड़ेंगे। इस अवसर पर मुख्यमत्री विष्णुदेव साय, सरगुजा कमिश्नर नरेद्र कुमार दुगा, आई.जी. अंकित गर्ग जनसंपर्क आयुक्त डॉ रवि मित्तल जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास जशपुर एन.आई.सी. से ऑनलाईन के माध्यम से जुड़े थे।

इस परियोजना में 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी और 5 रेल फ्लाईओवर बनेंगे। इस नये रूट में 21 से 38 मिलियन टन कार्गाे, 8 मेल, एक्सप्रेस, सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें चलाई जाएंगी। इससे रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जिलों को सीधा लाभ होगा। इस परियोजना से सड़क परिवहन की तुलना में प्रतिवर्ष 2,520 करोड़ रूपए की बचत होगी। ईंधन और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इस परियोजना से हर साल 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत होगी। इस परियोजना से 113 करोड़ किग्रा कार्बनडाई ऑक्साइड की कटौती होगी, जो लगभग 4.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

परियोजना छत्तीसगढ़ के लिए बहुत खास है, क्योंकि यह लाइन कोलकाता और मुंबई को सीधे जोड़ती है। बारह महीने इस लाइन में यात्रियों की भीड़ बनी रहती है, इस परियोजना से अतिरिक्त यात्री क्षमता बढ़ेगी। वहीं मालगाड़ियां बिलासपुर और रायपुर को बायपास कर सकेंगी। ट्रैफिक के डायवर्सन से यात्री गाड़ियों का संचालन अधिक आसान और निर्बाध होगा।

हावड़ा-मुंबई रूट पर आवाजाही बढ़ने से छत्तीसगढ़ में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों का तेजी से विकास होगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को बहुत-बहुत धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के विकास के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। खरसिया-नया रायपुर-परमालकसा रेल परियोजना जैसी महत्त्वपूर्ण सौगात से छत्तीसगढ़ प्रदेश के विकास को एक नई गति मिलेगी। यह रेल परियोजना जांजगीर-चांपा, सक्ती, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव जैसे प्रमुख जिलों को जोड़ेगी। इससे इन जिलों के नए अवसर मिलेंगे। लोगों को रोजगार मिलेगा। बलौदाबाजार और जांजगीर अब उद्योगों के लिए नई हब बनकर उभरेंगे।

यह क्षेत्र लाइमस्टोन (चूना पत्थर) से समृद्ध है। रेल संपर्क बेहतर होने से यहां सीमेंट उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। खरसिया से नया रायपुर तक सीधी रेल लाइन से राजधानी का संपर्क मुंबई और कोलकाता जैसे महानगरों से और बेहतर होगा। परियोजना से माल परिवहन तेज होगा, जिससे उद्योगों की लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी। इससे कृषि उत्पादों, खनिजों और निर्माण सामग्री के ट्रांसपोर्ट को भी बल मिलेगा। इससे नया रायपुर के विकास को नई दिशा और रफ्तार मिलेगी।.

Join Whatsapp Group