साहब! मेरी मौत नहीं हुई है… खुद को जिंदा साबित करने के लिए भटक रहा बुजुर्ग

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मध्य प्रदेश के रीवा जिले में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक जिंदा बुजुर्ग शख्स को कागजों में मृत घोषित कर दिया गया. इतना ही नहीं बाकायदा जिंदा बुजुर्ग का मृत प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया. हद तो तब हो गई, जब कागजों में मृत शख्स की अंत्येष्टि के लिए मुख्यमंत्री जन कल्याण योजना के तहत राशि की स्वीकृत के आदेश भी दे दिए गए.

इन सब की जानकारी मृत शख्स को तब हुई, जब वो अपनी जमीन का केवाईसी कराने पहुंचे. जिस शख्स को कागजों में मृत घोषित किया गया, उनका नाम काशी प्रसाद है. काशी प्रसाद की उम्र 61 साल है. अब बुजुर्ग काशी प्रसाद अपने आप को जिंदा बताते हुए अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं. ये मामला रीवा जिले के भमकी गांव का है.

मृत व्यक्ति आया सामने

काशी प्रसाद अपनी मौत का प्रमाण पत्र लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचे और कहा कि साहब मैं जिंदा हूं. उनकी बात सुनकर अधिकारी भी सकते में आ गए कि कागजों में मृत व्यक्ति उनके सामने खड़ा है. काशी प्रसाद ने कहा कि गांव के सरपंच और सचिव ने 2018 में मुझे कागजों में मृत घोषित कर दिया. जब जमीन का ई-केवायसी कराने गया, तब मुझे इस बारे में पता चला कि मुझे तो सालों पहले मार दिया गया है.

काशी प्रसाद ने कहा कि मैंने अधिकारियों से शिकायत की तो जनसुनवाई में मौजूद अधिकारियों ने मुझे थाने में जाकर शिकायत करने की सलाह दी. बताया जा रहा है कि सरपंच और सचिव को अंत्येष्टि में दी जाने वाली सहायता राशि भी दी. बता दें कि जीवित व्यक्ति काशी प्रसाद का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होने के बाद धीरे धीरे शासन की सभी योजनाओं से उनका नाम कटने लगा. अब वो अपने जिंदा होने का सबूत दिखाते अधिकारियों के दफ्तर चक्कर लगा रहे हैं.

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