रायपुर– राज्य सरकार ने ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों को बेहतर परिवहन से जोड़ने के लिए ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना’ शुरू करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में महानदी भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना गांव और शहर के बीच की दूरी कम करेगी और ग्रामीण जनता को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगी। योजना के तहत 18 से 42 सीटों तक की क्षमता वाले हल्के और मध्यम श्रेणी के यात्री वाहनों को अनुमतियां और सुविधाएं दी जाएंगी।
नवीन ग्रामीण मार्गाें के चिन्हांकन के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।
इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।
मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना के तहत पहले वर्ष में राज्य के लगभग 100 चिन्हित ग्रामीण मार्गों पर बस सेवा प्रारंभ की जाएगी। राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू करने के लिए 25 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा है। इससे किसान, मजदूर, विद्यार्थी, छोटे व्यापारी व ग्रामीण नागरिकों को जनपद, तहसील और जिला मुख्यालयों तक आवागमन की सुविधा प्राप्त होने से शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों तक सुलभ पहुंच संभव होगी।